दमदम, सेंट्रल जेल व प्रेसिडेंसी जेल मैदान में प्रतिदिन दो घंटे दौड़कर अभ्यास कर रहें कैदी
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मैराथन में अन्य प्रतिभागियों के साथ दौड़कर कैदी भी देंगे ”सेफ ड्राइव, सेव लाइफ” का संदेश
दमदम, सेंट्रल जेल व प्रेसिडेंसी जेल मैदान में प्रतिदिन दो घंटे दौड़कर अभ्यास कर रहें कैदी जेल प्रबंधन की इजाजत पर मैराथन में हिस्सा लेने के लिए कुछ घंटे पैरोल पर रिहा होंगे 15 कैदी कोलकाता : समय के करवट में पड़कर गुनाह के रास्ते में चल पड़ने वाले राज्यभर के जेलों में कैदियों को […]
जेल प्रबंधन की इजाजत पर मैराथन में हिस्सा लेने के लिए कुछ घंटे पैरोल पर रिहा होंगे 15 कैदी
कोलकाता : समय के करवट में पड़कर गुनाह के रास्ते में चल पड़ने वाले राज्यभर के जेलों में कैदियों को सुधारने के लिए जेल प्रशासन आये दिन नाटक, पेंटिंग, क्विज प्रतियोगिता जैसे तरह-तरह के आयोजन करती आयी है. राज्यभर की जेलों में सजा प्राप्त कैदी भी इस तरह के आयोजन में शामिल होकर मुख्यधारा में वापस लौटने का प्रयास कर रहे हैं.
इस बार महानगर के तीन जेलों में उम्रकैद की सजा काट रहे 15 कैदी रविवार को कानून के रक्षक कहलाने वाले कोलकाता पुलिस द्वारा आयोजित मैराथन में अन्य प्रतिभागियों के साथ दौड़कर महानगरवासियों को ‘सेफ ड्राइव, सेव लाइफ’ का संदेश देंगे. दमदम जेल, अलीपुर सेंट्रल जेल व प्रेसिडेंसी जेल में मैराथन में शामिल होनेवाले कैदी इसके लिए रोजाना जेल के मैदान में दो घंटे पसीना बहा रहे हैं.
जेल इतिहास में पहली बार हुई यह पहल : जेल सूत्रों के मुताबिक अब तक के जेल के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा, जब मैराथन में दौड़ने के लिए कैदियों को कड़ी सुरक्षा के साथ पैरोल पर रिहा किया जायेगा. जेल प्रशासन के आला अधिकारियों की पहल पर कैदियों को जेल के अंदर बेहतर तरीके से दौड़ने की ट्रैनिंग दी जा रही है. इस ट्रेनिंग का यह मकशद है कि जेल के बाहर जाकर यह कैदी महानगर के लोगों को अन्य प्रतिभागियों के साथ मिलकर ‘सेफ ड्राइव, सेव लाइफ’ अभियान के तहत आम नागरिक को जिंदगी की कीमत का संदेश दें.
कैदियों के साथ-साथ दौड़ेंगे वार्डन व पुलिसकर्मी भी
जेल सूत्रों के मुताबिक महानगर की तीन जेलों में जहां एक तरफ मैराथन में भाग लेने के लिए कैदी प्रतिदिन दो से तीन घंटे पसीना बहा रहे हैं, उनके साथ इन जेलों में इनकी सुरक्षा का दायित्व प्राप्त जेल वार्डन भी मैराथन में इनकी सुरक्षा व इनपर निगरानी के लिए इनके साथ दौड़ेंगे. इसके लिए वे भी जेल के अंदर प्रतिदिन दौड़ने का अभ्यास कर रहे हैं. जेल सूत्रों के मुताबिक इसके लिए कैदियों के साथ इनके सुरक्षा गार्डों को भी दौड़ने की ट्रेनिंग दी जा रही है.
क्या कहते हैं जेल अधिकारी
इस सिलसिले में राज्य के डीआइजी (कारागार) विप्लव दास बताते हैं कि जेल प्रबंधन शुरुआत से ही कैदियों को मुख्यधारा में वापस लाने के लिए निरंतर प्रयास करता रहता है. इस बार जहां कोलकाता पुलिस आम लोगों में ‘सेफ ड्राइव सेव लाइफ’ के प्रति संदेश देने के लिए मैराथन का आयोजन कर रही है,
तो इस नेक काम में शामिल होकर लोगों को संदेश के लिए कैदियों को भी चूना गया है. मैराथन के समय के दौरान पेरोल पर रिहा होकर कड़ी सुरक्षा के बीच दमदम, अलीपुर सेंट्रल व प्रेसिडेंसी जेल से इसके लिए 15 कैदियों को चुना गया है. इस मैराथन में शामिल होने के बाद वे वापस जेल में लौट जायेंगे.
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