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आलू किसानों को मिलनेवाली परिवहन सब्सिडी अब 15 तक

कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार ने शीतगृह (कोल्ड स्टोरेज) में रखे स्टॉक (भंडार) को निकालने में मदद करने के लिए आलू किसानों को परिवहन सब्सिडी देने की योजना को 15 जनवरी तक बढ़ा दिया है. लेकिन नयी फसल के आवक के मद्देनजर किसानों को पुराना स्टाॅक खुद खाली करने के लिए तय समय अब और […]

कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार ने शीतगृह (कोल्ड स्टोरेज) में रखे स्टॉक (भंडार) को निकालने में मदद करने के लिए आलू किसानों को परिवहन सब्सिडी देने की योजना को 15 जनवरी तक बढ़ा दिया है. लेकिन नयी फसल के आवक के मद्देनजर किसानों को पुराना स्टाॅक खुद खाली करने के लिए तय समय अब और नहीं बढ़ाने का निर्णय किया है.
पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के अध्यक्ष पतीत पावन दे ने को बताया कि अब भी करीब 6.5 लाख टन आलू शीतगृहों में पड़ा है, इसे 31 दिसंबर तक निकाला जाना था. पर तय समय के बाद शीतगृह मालिक माल खुद बेच सकेंगे.
उन्होंने कहा : शीतगृह में पड़े स्टॉक की निकासी में किसानों की मदद के लिए सरकार ने इस सब्सिडी की पेशकश को जनवरी मध्य तक के लिए बढ़ा दिया है. श्री दे ने कहा : सरकार स्टॉक खाली करने की समयसीमा को पहले दो बार बढ़ा चुकी है. किसानों ने इस बार भी समयसीमा बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन सरकार ने इससे इंकार कर दिया. राज्य सरकार क्रमश: सड़क और रेल द्वारा आलू के अंतरराज्यीय परिवहन के लिए 50 रुपये और 100 रुपये प्रति क्विंटल की सब्सिडी प्रदान करती है.
नयी फसल से पहले शीतगृह की मरम्मत की जाती है. फसल का मौसम शुरू हो चुका है. दे ने कहा कि सरकार के निर्धारित नियमों के अनुरूप समय-सीमा समाप्त होने पर शीतगृहों को आलू का स्टॉक बेचने का अधिकार है.पिछले आलू सीजन में राज्य में कुल 90 लाख टन आलू का उत्पादन हुआ था, जिसमें से 69 लाख टन आलू 400 शीतगृहों में रखा गया था.

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