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लोक अदालत में सुलझाये गये बड़ी संख्या में मामले

कालिम्पोंग: महकमा कानूनी सेवा समिति, कालिम्पोंग के आयोजन में शनिवार को शहर में लोक अदालत का आयोजन हुआ. इसमें 52 में से 4 लोन सम्बन्धी मामलों का निपटारा किया गया. एक बेंच वाली अदालत ने इन मामलों की सुनवाई की. समिति की सचिव स्वर्णिमा छेत्री से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अदालत में स्टेट बैंक ऑफ़ […]

कालिम्पोंग: महकमा कानूनी सेवा समिति, कालिम्पोंग के आयोजन में शनिवार को शहर में लोक अदालत का आयोजन हुआ. इसमें 52 में से 4 लोन सम्बन्धी मामलों का निपटारा किया गया. एक बेंच वाली अदालत ने इन मामलों की सुनवाई की. समिति की सचिव स्वर्णिमा छेत्री से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अदालत में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया की कालिम्पोंग शाखा के 46 में 2 मामलों के साथ ही अलगढ़ा के सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया के 6 में से 2 मामलों का निष्पादन हुआ. वहीं आज सात प्री लिटिगेशन मामले विचार के लिए लिये गये, लेकिन समाधान नहीं होने के कारण अगली लोक अदालत के लिए उसे मुल्तवी किया गया. लोन सम्बन्धी मामलों में निपटायी गई राशि 4 लाख में से 45 हजार रुपये वसूले गये.


स्थानीय अदालत में सम्पन्न लोक अदालत के न्यायाधीशों में महकमा कानूनी सेवा समिति के चेयरमैन तथा न्यायाधीश नय्यर आज़म खान, वरिष्ठ वकील प्रभाकर देवान एवं समाज की ओर से जीडीएनएस के उपाध्यक्ष महेंगरा बगदास उपस्थित थे.

मुख्य तौर पर प्री लिटिगेशन मामलों में माकपा नेता तारा सुन्दास द्वारा पेयजल समस्या पर विभाग पर दायर मुकदमे एवं ख़राब राशन पर खाद्य आपूर्ति विभाग मामले थे. पहले खाद्य विषय पर सुनवाई हुई जिसमें तारा सुन्दास एवं अन्य ने राशन में घटिया आटा देने का मामला उठाया. सुन्दास ने कहा कि समतल में दिए जाने वाले राशन में मिलने वाला आटा पैकेट में दिया जाता है पर पहाड़ में मिलने वाले आटा बोरी में आता है जिसपर न ही कोई बैच नंबर होता है एवं न ही एक्सपायरी डेट. आटा खाने योग्य है या नहीं यह भी राशन लेने वालों को पता नहीं है जिस कारण ज़्यादातर आटा जानवरों को खिलाने लायक निकलता है. उन्होंने मुख्य तौर पर राशन में मिलने वाले आटा की जगह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के मुताबिक गेंहू दिये जाने की मांग की. सुनवाई के दौरान विभाग के जिला खाद्य नियामक उपस्थित नहीं थे जिनके प्रतिनिधि के रूप में अतिरिक्त डीसी थे जिन्होंने उक्त मांग पर अपने उच्च अधिकारी को अदालत को अवगत कराने को कहा. उसके बाद इस मामले को मुल्तवी किया गया.

कालिम्पोंग में पेयजल समस्या पर भी लोक अदालत में सुनवाई हुई. इस सुनवाई में पीएचई विभाग, नेउरा डिवीजन, जिला प्रशासन के प्रतिनिधि उपस्थित थे. इस मामले में तारा सुन्दास की मांग थी कि कालिम्पोंग को रोजाना पानी मिलना चाहिये और वह भी पीने योग्य. काफी बहस के बाद इस मामले को भी अगली लोक अदालत के लिये मुल्तवी किया गया.

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