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दो बेटियों ने दी पिता के खिलाफ गवाही, पत्नी की हत्या के दोषी को उम्रकैद की सजा

सिलीगुड़ी. पांच वर्ष बाद पत्नी के हत्यारे को सिलीगुड़ी फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आजीवन कैद की सजा सुनायी है. हत्या कांड की यह घटना वर्ष 2012 के 24 अक्टूबर को सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट के अधीन महानंदा पाड़ा स्थित आगमनी अपार्टमेंट में घटी थी. पांच वर्षों तक ट्रायल के बाद अदालत ने ते मंगलवार को […]

सिलीगुड़ी. पांच वर्ष बाद पत्नी के हत्यारे को सिलीगुड़ी फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आजीवन कैद की सजा सुनायी है. हत्या कांड की यह घटना वर्ष 2012 के 24 अक्टूबर को सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट के अधीन महानंदा पाड़ा स्थित आगमनी अपार्टमेंट में घटी थी. पांच वर्षों तक ट्रायल के बाद अदालत ने ते मंगलवार को आरोपी पति को दोषी करार दिया. सिलीगुड़ी फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश तापस कुमार पाल ने बुधवार को उसे आजीवन कारावास की सजा सुनायी. बचाव पक्ष के वकील ने सिलीगुड़ी फास्ट ट्रैक कोर्ट के इस निर्णय को कलकत्ता हाईकोर्ट में चुनौती देने का निर्णय लिया है.


मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2012 के 24 अक्टूबर की रात अपार्टमेंट के एक फ्लैट में एक महिला की हत्या हो गयी थी. महिला के पति ने भी आत्महत्या की कोशिश की थी. बेटियों ने आवाज लगाकर पड़ोसियों को बुलाया. फिर जानकारी मिलते ही सिलीगुड़ी थाने की पुलिस मौके पर पहुंची थी. पुलिस ने खून से सने महिला के शव को बरामद किया था और पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज भेज दिया था. आत्महत्या की कोशिश में बुरी तरह से जख्मी व्यक्ति को इलाज के लिए सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में भर्ती कराया था. मृत महिला का नाम रीमा कुमारी बताया था. उसके पति का नाम राजीव कुमार है, जिसने आत्महत्या की कोशिश की थी. घटना के चार दिन बाद हालत सुधरने पर पुलिस ने उसे पत्नी की हत्या करने के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया.

बचाव पक्ष के वकील पार्थ चौधरी ने बताया कि सिलीगुड़ी फास्ट ट्रैक कोर्ट ने राजीव कुमार को दोषी करार देकर सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. हम इस फैसले के खिलाफ कलकत्ता हाइकोर्ट में अपील करेंगे.
चॉपर से की थी हत्या
अदालत से मिली जानकारी के अनुसार राजीव कुमार पेशे से एक निजी बैंक का कर्मचारी था. उसने चॉपर से पत्नी की हत्या की फिर स्वयं आत्महत्या करने की कोशिश की. घटना के वक्त नाबालिक बेटियों ने पड़ोसियों व पुलिस को जानकारी दी. सिलीगुड़ी फास्ट ट्रैक कोर्ट के सरकारी पक्ष के वकील संदीप नंदी ने बताया कि पुलिस जांच में घटना की मुख्य वजह कुछ धुंधला सा है. लेकिन यह स्पष्ट है कि हत्याकांड को राजीव ने ही अंजाम दिया. राजीव पर हत्या के लिए भारतीय दंड विधान की धारा 302 व 307 तथा आत्महत्या की कोशिश करने के लिए धारा 309 के तहत मुकदमा चल रहा था. ट्रायल के दौरान 15 लोगों की गवाही ली गयी. जिसमें परिवार की दो बेटियां भी शामिल थी. सभी ने राजीव को दोषी ठहराया. उसके बाद मंगलवार को अदालत ने भी राजीव को दोषी करार दिया. बुधवार को सिलीगुड़ी फास्ट ट्रैक कोर्ट के अतिरिक्त सेशन जज तापस कुमार पाल ने दोषी राजीव कुमार को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी. ट्रायल के दौरान भी राजीव कुमार न्यायिक हिरासत में था.

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