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मारवाड़ी रिलीफ सोसाइटी अस्पताल में डेंगू से महिला की मौत, परिजनों ने की तोड़फोड़

कोलकाता: पोस्ता थाना क्षेत्र स्थित मारवाड़ी रिलीफ सोेसाइटी अस्पताल में एक मरीज की मौत से गुस्साये परिजनों ने जमकर तोड़फोड़ की. आरोप है कि इलाज में लापरवाही के कारण मरीज की जान चली गयी. मरीज के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन एवं चिकित्सक के खिलाफ स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज करायी है. पुलिस ने अस्पताल से […]

कोलकाता: पोस्ता थाना क्षेत्र स्थित मारवाड़ी रिलीफ सोेसाइटी अस्पताल में एक मरीज की मौत से गुस्साये परिजनों ने जमकर तोड़फोड़ की. आरोप है कि इलाज में लापरवाही के कारण मरीज की जान चली गयी. मरीज के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन एवं चिकित्सक के खिलाफ स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज करायी है. पुलिस ने अस्पताल से सीसीटीवी का फुटेज मांगा है.
जानकारी के अनुसार, श्यामपुकुर थाना अंतर्गत 3 नंबर राजा सर राधाकांत देव लेन निवासी टुम्पा रजक (37) को एक दिसंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया . महिला डेंगू से पीड़ित थी. हालत में सुधार नहीं होने पर दूसरे दिन मरीज को हाइ डिपेंडेंसी यूनिट (एचडीयू ) के 239 नंबर केबिन में शिफ्ट कर दिया गया, जहां रविवार सुबह 9:50 बजे उसकी मौत हो गयी.

टुम्पा के डेथ सर्टिफिकेट पर डेंगू फीवर, एनएसवन पॉजीटिव तथा कार्डियो रिस्पेरेटरी फेलियोर को मौत का कारण बताया गया है. टुम्पा के देवर विकास रजक का कहना है कि अस्पताल की लापरवाही के कारण भाभी की मौत हुई. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने के दौरान प्लेटलेट्स की संख्या एक लाख 20 हजार थी. शनिवार रात में चार यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ाया गया था. भाभी की हालत गंभीर होने के बाद भी सुबह तक अस्पताल की ओर से हमें जानकारी नहीं दी गयी. उन्हें एचडीयू में ऑक्सीजन पर रखा गया था. अचानक ऑक्सीजन मॉस्क हटाकर वेंटिलेशन पर डाल दिया गया. इसकी जानकारी भी घरवालों को नहीं दी गयी. वेंटिलेशन पर डाले जाने के बाद ही अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को बुला लिया था. डॉ एस माहेश्वकरी ने बताया कि मरीज की हालत खराब थी. इसलिए परिजनों को किसी बड़े अस्पताल में ले जाने को कहा गया था.

अस्पताल में चिकित्सकों का अभाव : यंग स्पोर्टिंग क्लब वेलफेयर सोसाइटी के सचिव नरेश चौधरी ने बताया कि अस्पताल में चिकित्सकों का अभाव है. अस्पताल की दशा में सुधार लाने के लिए कई बार क्लब की ओर से प्रबंधन को पत्र दिया गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. अस्पताल की लापरवाही के कारण ही टुम्पा की मौत हुई है.
मरीज की हालत काफी खराब थी. अस्पताल में भर्ती कराये जाने के दूसरे ही दिन उसे एचडीयू यूनिट में स्थानांतरित कर दिया गया था. रविवार सुबह मरीज को वेंटिलेशन पर रखे जाने के तीन चार घंटे बाद उसकी मौत हो गयी. इसके बाद मृतका के परिजनों ने एचडीयू यूनिट में तोड़फोड़ की और चिकित्सकों को घंटों अस्पताल में बंधक बनाये रखा. एक नर्स को भी पीटा गया. लापरवाही का आरोप गलत है. मरीज को बचाने के लिए हमारे डॉक्टरों ने पूरी कोशिश की थी.
गोविंद राम अग्रवाल, महासचिव (मारवाड़ी रिलीफ सोसाइटी)

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