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कोलकाता से प्रतिबंधित मांस की तस्करी का पर्दाफाश, यूपी पुलिस ने पकड़े दो कंटेनर

लखनऊ/कोलकाता. कोलकाता से देश के अन्य हिस्सों में प्रतिबंधित मांस की तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. रैकेट का पता तब चला जब यूपी के सिरसागंज में पुलिस ने एक एयर कंडीशंड कंटेनर पकड़ा. कंटेनर में करीब दो करोड़ रुपये के मांस मिले. मांस भैंस का होने की बात बतायी गयी. हालांकि कंटेनर […]

लखनऊ/कोलकाता. कोलकाता से देश के अन्य हिस्सों में प्रतिबंधित मांस की तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. रैकेट का पता तब चला जब यूपी के सिरसागंज में पुलिस ने एक एयर कंडीशंड कंटेनर पकड़ा. कंटेनर में करीब दो करोड़ रुपये के मांस मिले. मांस भैंस का होने की बात बतायी गयी. हालांकि कंटेनर के चालक ने जो प्रमाण पत्र दिखाया वह फर्जी निकला. आशंका व्यक्त की जा रही है कि यह प्रतिबंधित मांस है.

गत 28 नवंबर की शाम को कठफोरी टोल टैक्स के पास रुटीन चेकिंग के दौरान सिरसागंज एसडीएम चंद्रभानु के नेतृत्व में पुलिस द्वारा एक कंटेनर की जांच की गयी. एनएल01एल7829 नंबर वाला कंटेनर कोलकाता के रास्ते मुंबई जा रहा था. कंटेनर चालक और उसके हेल्पर से पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि कंटेनर पश्चिम बंगाल सरकार की वेस्ट बंगाल लाइव स्टॉक डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (डब्ल्यूबीएलडीसीएल) का है. इसमें भैंस का मांस मुंबई ले जाया जा रहा है. चालक ने बिल, बाउचर के साथ भैंस का मांस होने का प्रमाण पत्र भी दिखाया.

पुलिस को संदेह हुआ कि कोलकाता से मुंबई जाने वाला कंटेनर फिरोजाबाद होकर क्यों जा रहा है? बस यहीं चालक फंस गया. पुलिस के अनुसार, कोलकाता से मुंबई जाने वाले मालवाही वाहन आमतौर पर नागपुर के रास्ते जाते हैं. पुलिस के प्रश्नों का उत्तर चालक नहीं दे पाया. एसडीएम ने जब कंटेनर पकड़ा था तब चालक ने बताया कि उसमें भैंस का मांस है. उसने राज्य के डब्ल्यूबीएलडीसीएल कंपनी के डिप्टी डायरेक्टर टी विश्वास द्वारा जारी प्रमाण पत्र दिखाया गया था. एसडीएम ने पूरे मामले से डीएम नेहा शर्मा को अवगत कराया.

डब्ल्यूबीएलडीसीएल कंपनी से इसकी जानकारी मांगी थी. गत 30 नवंबर को कंपनी के प्रबंधक निदेशक ने पत्र भेजकर बताया है कि न तो उनके यहां टी विश्वास नाम का कोई व्यक्ति है और न ही डिप्टी डायरेक्टर के नाम से कोई पद है. इसके बाद एसडीएम को पक्का यकीन हो गया कि प्रमाण पत्र फर्जी है. बताया जा रहा है मांस की अवैध रूप से तस्करी करने वाले यूपी के रास्ते मुंबई मांस ले जाते हैं. सूत्रों के अनुसार पहले भी इस रास्ते मांस से लदे कंटेनर गुजरे हैं. संभवत: चेकपोस्ट पर कोलकाता से आने वाले वाहनों की जांच सटीक रूप से नहीं की गयी. सूत्रों के अनुसार चेकिंग के दौरान चालक मालवाही प्रमाण पत्र दिखा देते हैं. हालांकि उपरोक्त घटना की तरह हर मामले में प्रमाण पत्र की जांच नहीं हो पाती.

माना जा रहा है कि प्रतिबंधित मांस की तस्करी में कोई ताकतवर गिरोह शामिल है. क्योंकि एक कंटेनर लाखों का होता है. मांस को सुरक्षित रखने के िलए कंटेनर का तापमान माइनस पांच से शून्य डिग्री सैल्सियस तक रखा जाता है. व्यवस्थित तरीके से तस्करी की जा रही थी.

क्या कहना है अधिकारी का
सिरसागंज एसडीएम चंद्रभानु ने कहा कि कंटेनर में करीब 14 टन मीट है, जिसकी कीमत करीब दो करोड़ रुपये है. मामले में कोई बड़ा अंतरराज्यीय रैकेट शामिल हो सकता है. मांस किसका है, इसकी जांच कराई जा रही है. साथ ही कोलकाता से मुंबई मांस भेजने वाले शख्स का भी पता लगाया जा रहा है व उपरोक्त मामले को लेकर मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिये गये हैं. जांच के लिए यूपी पुलिस कोलकाता आ सकती है.

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