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स्विटजरलैंड की कंपनी करेगी सिलीगुड़ी का कायाकल्प
सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी शहर की मुख्य तीन समस्याओं को सुलझाने के लिए स्विटजरलैंड की एक कंपनी ने सिलीगुड़ी नगर निगम के साथ समझौता किया है. पेयजल, जल निकासी व जाम की समस्या से निपटने के लिए आईसीईएलआई नामक कंपनी के दक्षिण एशिया विंग ने चार महीने का समय लिया है. इस दौरान नगर निगम की सहायता […]
सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी शहर की मुख्य तीन समस्याओं को सुलझाने के लिए स्विटजरलैंड की एक कंपनी ने सिलीगुड़ी नगर निगम के साथ समझौता किया है. पेयजल, जल निकासी व जाम की समस्या से निपटने के लिए आईसीईएलआई नामक कंपनी के दक्षिण एशिया विंग ने चार महीने का समय लिया है. इस दौरान नगर निगम की सहायता से इसके अधिकारी इन तीन मुख्य समस्याओं का अध्ययन कर एक रिपोर्ट तैयार करेंगे. इसके बाद समस्या समाधान के लिए योजना तैयार की जायेगी.
पिछले कई वर्षों से सिलीगुड़ी शहर पेयजल, जल निकासी व जाम की समस्या से परेशान है. लगातार शहर की बढ़ती जनसंख्या के साथ ही गाड़ियों की संख्या भी बढ़ी है. इससे जाम की समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है. बीच-बीच में निगम की पेयजल सेवा भी प्रभावित होती है.
कभी पाइप में लीकेज तो कभी मशीन में गड़बड़ी हो जाती है. इसके अतिरिक्त सड़क के किनारे लगाये गये नलों के टेप चोरी हो जाते हैं. जिसकी वजह से किसी इलाके में पानी पहुंचता नहीं और किसी टाइम नल से पानी वेवजह गिरकर नालों में चला जाता है. इस समस्या का निगम के पास कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है.
हांलाकि पिछले महीने पेयजल की समस्या होने पर निगम की ओर से पानी के टैंकर व पाउच से पानी देने की व्यवस्था की गयी थी. इसके अतिरिक्त जल निकासी व्यवस्था भी राम भरोसे ही है.
निगम के कई वार्ड ऐसे हैं जहां हाइ ड्रेन के उपर घर बना हुआ है. जिसकी वजह से उसकी सफाई नहीं हो पाती है. मिट्टी व कचरे से शहर का ड्रेनेज सिस्टम बिगड़ गया है. हल्की सी बारिश में शहर के कई इलाकों में जल जमाव की समस्या दिखने लगती है.
शहर में जाम की समस्या से परेशान हैं नागरिक
शहर में जाम की समस्या नागरिकों को काफी परेशान कर रही है. ऑफिस टाइम में शहर के प्रमुख सड़क हिलकर्ट रोड, सेवक रोड, एसएफ रोड आदि पर पैदल चलना मुश्किल है. वाहन तो कीड़े की तरह रेंगते नजर आते हैं. सड़क का किनारा फुटपाथ दुकानदारों के कब्जे में चला गया है. निगम व पुलिस प्रशासन के अभियान पर दो दिन फुटपाथ खाली दिखता है फिर समस्या जस की तस दिखती है. निगम व पुलिस प्रशासन ने फुटपाथ दखल करने वालों के खिलाफ आज तक कोई कड़ा कदम नहीं उठाया है. वर्तमान में सिलीगुड़ी की सड़कों पर जाम की समस्या गहराने का टोटो (इ-रिक्शा) का दौड़ना भी एक बड़ा कारण माना जा रहा है. लेकिन सिलीगुड़ी की सड़कों पर दौड़ने वाले टोटो की संख्या कितनी हैं, यह रिकॉर्ड न ही निगम, मोटर वाहन विभाग व न ही पुलिस प्रशासन के पास है. इन तीन प्रमुख समस्याओं से निपटने के लिए इस कंपनी ने सिलीगुड़ी नगर निगम से हाथ मिलाया है. सिलीगुड़ी सहित भारत के उदयपुर व राजकोट शहरों में भी आईसीईएलआई शहर विकास योजना पर काम कर रही है.
क्या कहना है कंपनी का
संस्था की प्रतिनिधि मोनालिसा सेन ने बताया कि इन तीन समस्याओं के समाधान के लिए योजना बनाने का काम शुरू किया गया है. जाम की समस्या से निपटने के लिए उनकी टीम ने शहर का परिदर्शन किया है. एक अनुमान के तहत 6 हजार से अधिक टोटो शहर की सड़कों पर है. हांलाकि इनकी वास्तविक संख्या प्रशासन के पास नहीं है. फुटपाथ भी दुकानदारों के कब्जे में है. इसके अतिरिक्त शहर में निजी (दोपहिया व कार) की संख्या बढ़ी है. जबकि पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेवा में गिरावट आयी है. पेयजल व जल निकासी व्यवस्था के लिए उन लोगों ने एक प्लान तैयार किया गया है. इसके लिए संस्था की एक टीम अगले चार महीने सिलीगुड़ी शहर व इन तीन समस्याओं का अध्ययन कर एक रिपोर्ट तैयार करेगी. उसके बाद राज्य सरकार व निगम प्रबंधन के साथ मिलकर समस्या समाधान के लिए विचार-विमर्श होगा.
क्या कहते हैं मेयर
सिलीगुड़ी में अन्य राज्यों से काफी लोग आये हैं. शहर की जनसंख्या बढ़ने के साथ निजी वाहनों में बढ़ोत्तरी हुयी है. फुटपाथ की भी समस्या है. पार्किंग, फ्लाइओवर आदि अन्य समस्याओं की वजह से शहर में जाम की समस्या गहरा रही है. इसके अतिरिक्त पेयजल व जल निकासी व्यवस्था को अत्याधुनिक तौर पर तब्दील करने के लिए स्वीटजरलैंड की एक संस्था ने संपर्क किया है. सिलीगुड़ी के अतिरिक्त यह संस्था भारत के अन्य तीन शहरों के विकास पर भी काम कर रही है.
अशोक भट्टाचार्य, मेयर सिलीगुड़ी नगर निगम
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