मुकुल के इस पोस्ट को लेकर राजनीतिक गलियारे में चर्चा तेज है. हर कोई मुकुल राय के इस पोस्ट को अदालत की रोक से जोड़ कर देख रहा है. गौरतलब है कि मौजूदा दौर में ज्यादातर नेता अपने भाषण के लिए केवल सभा और जुलूस को ही माध्यम नहीं बना रहे, बल्कि वे सोशल मीडिया का भी खुलकर सहारा ले रहे हैं.
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फेसबुक पर मुकुल के निशाने पर रहे अभिषेक
कोलकाता: जागो बांग्ला और विश्व बांग्ला के मुद्दे पर अभिषेक बनर्जी पर निशाना साध रहे मुकुल राय पर फिलहाल अलीपुरद्वार अदालत ने रोक लगा दी है, लेकिन सोशल मीडिया पर वह लगातार अपना हमला जारी रखे हुये हैं. फेसबुक पर अपने नये पोस्ट में मुकुल राय ने लिखा है कि कोई छल-कपट का सहारा लेकर […]
कोलकाता: जागो बांग्ला और विश्व बांग्ला के मुद्दे पर अभिषेक बनर्जी पर निशाना साध रहे मुकुल राय पर फिलहाल अलीपुरद्वार अदालत ने रोक लगा दी है, लेकिन सोशल मीडिया पर वह लगातार अपना हमला जारी रखे हुये हैं. फेसबुक पर अपने नये पोस्ट में मुकुल राय ने लिखा है कि कोई छल-कपट का सहारा लेकर राजनीति के मैदान से भागना चाहता है, तो भागे, मैं तो राजनीति के मैदान से ही अपनी लड़ाई लड़ूंगा.
इस कतार में हाल ही में भाजपा में आये मुकुल राय भी शामिल हो गये हैं. वे कई बार फेसबुक पोस्ट के माध्यम से अपनी बात लोगों तक पहुंचा चुके हैं. बुधवार को मुकुल राय ने फेसबुक पर अपना एक लंबा पोस्ट डाला, जिसमें उन्होंने कई विषयों पर अपनी राय रखी. इसमें अदालत के आदेश पर भी उन्होंने प्रतिक्रया दी कि कोर्ट ने फिलहाल उन्हें कुछ कहने से रोका है. लेकिन भारत के संविधान ने मुझे बोलने का अधिकार दिया है. मुझे मेरे अधिकार पता हैं. कोई मेरी आवाज दबा नहीं सकता. ठीक समय पर मुझे जो कहना होगा कहूंगा. जरूरत पड़ी, तो कानून की भी मदद लूंगा.
नाम नहीं लिखते हुए उन्होंने अभिषेक बनर्जी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने कहा कि छल-कपट के सहारे कोई राजनीति के मैदान से भागना चाहे, तो भागे. मैं यहीं से अपनी लड़ाई लड़ूंगा. सच की आवाज कभी रोकी नही जा सकी है, न रुकेगी, क्योंकि अंत में सच की ही जीत होती है. मुकुल के पोस्ट पर विधानसभा में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि कोर्ट की मदद से कितना दिन तक राज्य की जनता की आवाज दबायी जायेगी.
उन्होंने फोन टेपिंग मामले का भी उल्लेख किया और लिखा कि फौरी तौर पर मेरे आरोपों पर राज्य सरकार को नोटिस भेजकर कोर्ट ने उनके आरोपों को पहली नजर में मान्यता ही दी है. राज्य सरकार को यह बताना होगा कि उसने मेरा फोन टेप किया है या नहीं. किया गया है, तो किसके आदेश पर किया है. यह बात टेलीफोन आॅपरेटरों को बतानी होगी. अपने पोस्ट में उन्होंने त्रिपुरा में हुए पत्रकार की हत्या की घटना की भी निंदा की है. उन्होंने कहा कि इससे साबित होता है कि वहां पर लोकतंत्र नहीं है. उन्होंने अपराधियों को तुरंत गिरफ्तार कर लोकतंत्र बहाल करने की मांग की.
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