कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के पूर्व महासचिव और सांसद मुकुल राय मौजूदा समय में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की कतार में शामिल हो गये हैं. लिहाजा भाजपा में जाने के बाद से वह तृणमूल पर कई जवाबी हमले कर रहे हैं. इसी कड़ी के तहत उन्होंने दिल्ली हाइकोर्ट में न्यायाधीश विभू वाथरू की अदालत में याचिका दायर कर कहा था कि उनके पास चार मोबाइल नंबर है और अलग-अलग कंपिनयों का है. उन्हें पूरा यकीन है कि उनका फोन टैपिंग किया जा रहा है.
यह कदम गैरकानूनी है और उनकी निजी जिंदगी में दखलंदाजी करने का मामला है. शुक्रवार को उनकी याचिका पर सुनवाई होनेवाली थी, लेकिन वक्त की कमी के कारण शुक्रवार को मामले की सुनवाई नहीं हो पायी. लिहाजा सोमवार को उक्त मामले में सुनवाई होनेवाली है. उल्लेखनीय है कि मुकुल राय ने सार्वजनिक रूप से आरोप लगाया है कि न केवल उनका बल्कि पश्चिम बंगाल के प्रशासमिनक अधिकारी, नेता मंत्री यहां तक कि पत्रकारों का भी फोन टेप किया जा रहा है.
जिसके खिलाफ उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि लोकतांत्रिक प्रणाली में किसी भी सरकार पर अगर यह आरोप लगता है, तो इसका सीधा अर्थ है उसकी साख पर बट्टा लगना. जो कि मुकुल राय ने दिल्ली हाइकोर्ट में याचिका दर्ज कर लगा दिया है. अब अगर उनका आरोप न्यायालय में साबित हो जाता है, तो यह तय है कि राज्य सरकार की नैतिक रूप से बहुत बड़ी पराजय होगी.