Advertisement
लोककथाओं में इतिहास की दबी हुई आवाजें हैं
कोलकाता: लोककथाएं सुनने की परंपरा से जुड़ी होती हैं. ये सैकड़ों साल से भारतीय जीवन के इतिहास के बारे में बताती आयी हैं. लोक कथाओं को आधुनिक शैली देने की जरूरत है, ताकि ये वैश्विक स्तर पर वैसे ही लोकप्रिय हो सकें, जैसे अंग्रेजी की कथाओं को नयी तकनीक के बल पर लोकप्रिय बनाया गया […]
कोलकाता: लोककथाएं सुनने की परंपरा से जुड़ी होती हैं. ये सैकड़ों साल से भारतीय जीवन के इतिहास के बारे में बताती आयी हैं. लोक कथाओं को आधुनिक शैली देने की जरूरत है, ताकि ये वैश्विक स्तर पर वैसे ही लोकप्रिय हो सकें, जैसे अंग्रेजी की कथाओं को नयी तकनीक के बल पर लोकप्रिय बनाया गया है. भारतीय भाषा परिषद में शनिवार को आयोजित भागीरथ कानोड़िया व्याख्यानमाला के अंतर्गत ‘लोककथा पर विमर्श’ में विद्वानों ने ये बातें कहीं.
प्रसिद्ध भोजपुरी कवि प्रो. प्रकाश उदय ने कहा कि वर्तमान समय में श्रोता बदले हैं, इसलिए लोककथाओं की शैली भी बदल रही है और भारतीय संस्कृति के निर्माण में लोककथाओं की एक बहुत बड़ी भूमिका है.
लोककथा के मर्मज्ञ भगवती प्रसाद द्विवेदी ने अपने व्याख्यान में कहा : जब अहं और व्यक्तित्व विगलित हो जाता है, तब लोक चेतना का निर्माण होता है. लोककथाओं के जरिए ही भारत में सदियों से सांस्कृतिक आदान-प्रदान होता आया है.
मुख्य अतिथि कवि मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि भाषाएं भले विलुप्त हो जायें, पर लोककथायें बची होती हैं. उनका क्षरण नहीं होता, शैली भले बदल जाये. इधर संयुक्त परिवार के विघटन के कारण दादी-नानी अकेली पड़ गयी हैं, जिसका असर लोककथा की परंपरा पर भी पड़ा है. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या हिंदी की लोककथाओं को हैरी पॉटर की शैली में प्रस्तुत नहीं किया जा सकता.
परिषद के निदेशक डॉ शंभुनाथ ने लोककथाओं पर चर्चा जरूरी मानते हुए यह कहा कि रामायण और महाभारत की मुख्य बुनियाद लोककथाएं हैं. महाकाव्य और लोककथा के बीच संवाद हजारों साल से चलता आया है, लोककथाएं इतिहास की चौहद्दी और महाकाव्य की शास्त्रीयता दोनों को चुनौती देते हुए रची जाती हैं. अध्यक्षीय भाषण देते हुए रतन शाह ने कहा कि राजस्थान की लोककथाओं में अनगिनत प्रेमकथाएं हैं और असहमति की आवाजें हैं. हमारे देश का इतिहास राजा-महाराजाओं का इतिहास न होकर आम जनता का इतिहास है जो लोककथाओं में मिलता है. धन्यवाद ज्ञापन परिषद की मंत्री बिमला पोद्दार ने किया.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement