कोलकाता: राज्य सरकार आयुष चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने की बात कर रही है. इस चिकित्सा पद्धति को लोकप्रिय बनाने के लिए सरकार ने हाल ही में आयुष यानी आयुर्वेद होमियोपैथी तथा युनानी चिकित्सकों को एलोपैथी की प्रैक्टिस करने की आनुमति भी दे दी. जहां एक ओर सरकार राज्य में आयुष को बढ़वा देने की बात कह रही है, वहीं राज्य के आयुर्वेद मेडिकल कॉलेजों की हालत काफी खराब है. राज्य के एक मात्र आयुर्वेद कॉलेज में एमडी डिग्री की पढ़ायी करायी जाती है. इस वर्ष कॉलेज को छात्रों का दाखिला लेने की अनुमति नहीं मिली है.
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पोस्ट ग्रेजुएट आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज संकट में
कोलकाता: राज्य सरकार आयुष चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने की बात कर रही है. इस चिकित्सा पद्धति को लोकप्रिय बनाने के लिए सरकार ने हाल ही में आयुष यानी आयुर्वेद होमियोपैथी तथा युनानी चिकित्सकों को एलोपैथी की प्रैक्टिस करने की आनुमति भी दे दी. जहां एक ओर सरकार राज्य में आयुष को बढ़वा देने की […]
ऐसे में उन छात्रों की परेशानी बढ़ गयी है जो राज्य में रह कर एमडी करना चाहते हैं. हम यहां इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट आयुर्वेद एजुकेशन एंड रिर्सच की बात कर रहे हैं. इस मेडिकल कॉलेज में 10 सीटों पर एमडी कोर्स कराया जाता है. इस वर्ष एमडी के लिए राष्ट्रीय स्तर पर होनेवाली पोस्ट ग्रेजुएट इंटरेंशन टेस्ट के जरिये छात्रों को दाखिला मिलेगा. एडमिशन के लिए काउंसिलिंग की अंतिम तारिख 31 अक्टूबर तय की गयी थी लेकिन इसे बढ़ा कर अब आठ नवंबर कर दिया गया है. केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा यह निर्णय लिया गया है जहां देश के अन्य राज्यों में काउंसिलिंग की प्रक्रिया लगभग अंतिम चरण में है, वहीं पश्चिम में अब तक यह शुरू भी नहीं हुई है.
कॉलेज को सीसीआइएम की नहीं मिली अनुमति : जानकारी के अनुसार एडमिशन के लिए विभिन्न कॉलेजों को हर साल सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसीन (सीसीआईएम) से अनिवार्य रूप से अनुमति लेनी पड़ती है. कॉलेजों के आधारभूत ढांचा सह छात्रों को मिलनेवाली अन्य सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सीसीआइएम द्वारा यह अनुमति दी जाती है. जो उक्त मेडिकल कॉलेज को अब तक नहीं मिला है. कॉलेज सूत्रों के अनुसार, इस मेडिकल कॉलेज में शिक्षक चिकित्सकों की संख्या काफी कम है जिसके कारण कॉलेज को अब तक सीसीआइएम की ओर से एडमिशन के लिए अनुमति नहीं मिली है. अब मात्र चार दिन शेष रह गये हैं. ऐसे में अगर कॉलेज को सीसीअाइएम की ओर से अनुमति नहीं मिलती है तो इस वर्ष छात्रों को इस कॉलेज में पोस्ट ग्रेजुएट करने का मौका नहीं मिलेगा.
राज्य सरकार इस विषय को देख रही है. उम्मीद है कि शेष बचे चार दिनों के भीतर एडमिशन के लिए हमें स्वीकृति मिल जायेगी. अनुमति मिलते ही एडमिशन व काउंसिल की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जायेगा.
प्रो. डॉ मृदु गुप्ता, प्रिंसिपल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट आयुर्वेद एजुकेशन एंड रिसर्च
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