कोलकाता. मुख्यमंत्री के लाख दावे के बावजूद डेंगू का कहर जारी है. आलम यह है कि कोलकाता विश्वविद्यालय का बेकर हाॅस्टल अब खाली होने लगा है. यहां रहनेवाले छात्रों का दावा है कि डेंगू की चपेट में आकर 15 छात्र अपने घरों को लौट चुके हैं. जो हैं, वे भी दहशत में हैं. उनकी शिकायत विश्वविद्यालय प्रशासन से है. उनका आरोप है कि प्रबंधन का ध्यान बार-बार यहां की समस्या की तरफ दिलाया गया है, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया. नतीजा आज पूरा बेकर हॉस्टल में डेंगू की दहशत है.
मीडिया में जब बेकर हाॅस्टल की खबर आने लगी, तो कलकत्ता विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार राजगोपाल धर चक्रवर्ती ने भरोसा दिया कि प्रबंधन हर संभव प्रयास करेगा. जुलियल हेलाल, मौलाना आजाद काॅलेज में बीएससी द्वितीय वर्ष का छात्र है. मुर्शिदाबाद से कोलकाता पढ़ने आये इस छात्र का मौजूदा ठिकाना बेकर हाॅस्टल है. वह यहां की व्यवस्था से खफा है. उसके मुताबिक हॉस्टल मक्खी, मच्छर और कीट-पतंगों की स्थली है. हाॅस्टल की निकासी व्यवस्था बेहद खराब है.
जगह-जगह सिवरेज का गंदा पानी बहता दिख जायेगा. पानी की वजह से डेंगू के मच्छरों को यहां पनाह मिल रही है. उत्तर दिनाजपुर से आये बीएससी तीसरे वर्ष के छात्र मोहम्मद मुस्तफा इकबाल के मुताबिक यहां पर 500 छात्र रहते हैं. 15 छात्र डेंगू की चपेट में आने के बाद अपने परिवारवालों के साथ चले गये हैं. अन्य छात्र हाॅस्टल खाली कर वापस अपने घरों में जाने की तैयारी कर रहे हैं. सफाई व्यवस्था नहीं होने से हम गंदगी के बीच रहने पर मजबूर हैं. चारों तरफ कचरे का अंबार है. कचरा ले जाने का कोई इंतजाम नहीं है. ब्लीचिंग पावडर का भी छिड़काव नहीं हो रहा है. हाॅस्टल परिसर में झाड़ी की भरमार है. यहां बीमारी नहीं होगी, तो क्या होगी. कश्मीर से पढ़ने आये बीएसी दूसरे वर्ष के छात्र मुजीद लोन का कहना है कि गंदगी का आलम देखना है, तो हाॅस्टल के टाॅयलेट देख लीजिये. बीमारी की आशंका की वजह से हमारा मन पढ़ाई में नहीं लग रहा. न जाने कब हम भी बीमार पड़ जायें.
बेकर हाॅस्टल में छात्रों पर हमला, विरोध प्रदर्शन
डेंगू की चपेट में आये बेकर हाॅस्टल के छात्र मीडिया में अपना मुंह क्यों खोले, इस बात को लेकर कुछ लोगों ने वहां रह रहे छात्रों पर हमला किया. इस हमले में दो छात्र घायल हो गये. घटना की जानकारी छात्रों ने पुलिस और हाॅस्टल के सुपर को भी दी. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. विरोध में छात्रों ने हाॅस्टल परिसर में धरना-प्रदर्शन किया. खबर लिखे जाने तक छात्रों का आंदोलन जारी था. उल्लेखनीय है कि कलकाता विश्वविद्यालय के अधीन बेकर हास्टल में कुल पांच सौ के करीब छात्र हैं . इसमें तकरीबन 15 छात्र डेंगू की चपेट में आकर आपने घर लौट गये हैं. जो छात्र हैं बचे हैं वह भी दहशत में है . अपने डर का इजहार जब वो मीडिया के मार्फत कर विश्वविद्यालय प्रबंधन का ध्यान आर्कषित करना चाहते थे. छात्रों का यह कदम स्थानीय कुछ लोगों को रास नहीं आयो सो उन्होने छात्रों पर हमला बोल दिया. जिसमें दो छात्र घायल हो गये.