उन्होंने कहा कि यह मशीन रक्त के रेड सेल, प्लेटलेट्स और प्लाज्मा को विभक्त करती है. आरबीसी में लोकोसाइट्स की शुद्धता से यह रक्त थैलेसिमिया रोगियों तथा अन्य प्रत्यर्पण करानेवालों के काम आयेगा.
प्लेटलेट्स की संख्या वृद्धि से डेंगू का इलाज होता है तथा प्लाज्मा खून की गुणवत्ता को बढ़ा देता है. सलाहकार प्रदीप नैय्यर ने कहा कि यह मशीन अधिकतर निजी ब्लड बैंकों में नहीं हैं. लायंस परिवार के सहयोग से यह मशीन मंगायी गयी है. चेयरमैन बाबूलाल बंका ने कहा कि ब्लड बैंक की क्षमता को बढ़ाने में पूर्व लायन परिवार का हमेशा से सहयोग मिल रहा है. इस मौके पर कांति कुमार केडिया, घनश्याम सोभासरिया, आरएम लाखोटिया, केएम गुप्ता, संगीता जटिया, कैलाश खंडेलवाल, प्रमोद चांडक आदि मौजूद थे.