कोलकाता: महानगर में फैल रहे डेंगू के आतंक के बीच कोलकाता नगर निगम का मासिक अधिवेशन काफी हंगामेदार रहा. मंगलवार को हुए सत्र के दौरान निगम के बाहर और भीतर डेंगू को लेकर विपक्ष ने हमला जारी रखा. अधिवेशन के शुरू होने से पहले निगम के बाहर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पुतला फूंका […]
कोलकाता: महानगर में फैल रहे डेंगू के आतंक के बीच कोलकाता नगर निगम का मासिक अधिवेशन काफी हंगामेदार रहा. मंगलवार को हुए सत्र के दौरान निगम के बाहर और भीतर डेंगू को लेकर विपक्ष ने हमला जारी रखा. अधिवेशन के शुरू होने से पहले निगम के बाहर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पुतला फूंका और डेंगू से संबंधित वास्तविक आंकड़ों पर पर्दा डालने की आरोप लगाया.
वहीं, निगम के अंदर भी तृणमूल पार्षदों के अड़ियल रूख से नाराज वाममोर्चा, कांग्रेस व भाजपा के पार्षदों ने एक साथ वाकआउट किया. विपक्ष द्वारा सत्तापक्ष का घेराव करते हुए महानगर में लगातार डेंगू के बढ़ते प्रकोप और वास्तविक आंकड़े को निगम द्वारा छिपाये जाने का आरोप लगाया गया. इस मुद्दे पर माकपा, कांग्र्रेस व भाजपा के पार्षदों ने मिल कर हंगामा किया.
हालांकि इस पर मेयर शोभन चटर्जी ने दावा किया कि महानगर में डेंगू का कोई विशेष प्रभाव नहीं है. सभी वार्ड में इसकी रोकथाम के लिए मेयर परिषद सदस्य (स्वास्थ्य) अतिन घोष की देखरेख में छिड़काव समेत जांच आदि की पुख्ता व्यवस्था की गयी है. निगम के पास डेंगू की रोकथाम के लिए सभी अत्याधुनिक व आवश्यक व्यवस्था मौजूद हैं. वहीं, विपक्ष के दावों को चुनौती देते हुए अतिन घोष ने कहा कि डेंगू के बारे में जो भी आंकड़े विपक्ष पेश कर रहा है, उसके एवज में उनके पास कोई तथ्य नहीं है. उन्होंने कहा कि वास्तव में विपक्ष द्वारा डेंगू पर राजनीति की जा रही है. दावा पेश करने से पहले विपक्ष को साबित करना चाहिए कि डेंगू संबंधित उनके द्वारा दिये जा रहे आंकड़े कितने वास्तविक हैं. निगम अपने काम में पारदर्शी है. किसी भी तरह केे तथ्य नहीं छिपाये गये हैं. कोई भी पार्षद अपने इलाके के स्वास्थ्य केंद्र में जाकर आसानी से डेंगू संबंधित आकड़े प्राप्त कर सकता है. अतिन के इस बयान के बाद हंगामा करते हुए विपक्ष ने निगम से वाकआउट किया.
बॉडीगार्ड लाइन में नहीं उतारी जायेगी नाव : मेयर
कोलकाता नगर निगम के मासिक अधिवेशन में पार्षद बिलकिस बेगम में एक बार फिर से महानगर कोलकाता में जलजमाव का मुद्दा उठाया. उन्होेंने कहा कि कोलकाता नगर निगम अंतर्गत इलाकों में भारी बारिश होने से जल-जमाव की स्थिति अब भी बनी रहती है. इसके अलावा घंटों पानी जमे रहने के के कारण तो कई बार दुर्घटना होने की भी आशंका रहती है. ऐसे में निगम इस समस्या के समाधान के लिए क्या कर रहा है. इसके उत्तर में मेयर शोभन चटर्जी ने कहा कि जल-जमाव की समस्या से निजात दिलाने के लिए निगम लगातार प्रयासरत है. इसके लिए कई योजनाओं पर भी काम किया जा रहा है. गोल्फ ग्रीन में 36 करोड़ और इकबालपुर व खिदिरपुर में 62 करोड़ रुपये की लागत से ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन का निर्माण कराया जा रहा है. नालों की सफाई पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है. बारिश के दौरान जल जमाव होने से बॉडीगार्ड लाइन में नौका उतारने की स्थिति उत्पन्न हो जाती है है. एेसे में मेयर ने दावा किया कि सब कुछ योजना के तहत चला, तो अगले साल से बॉडीगार्ड लाइंस में नौका नहीं उतारी जायेगी.
निगम के गेट पर बॉयोमेट्रिक मशीन लगाने की मांग
निगम के गेट पर बॉयोमेट्रिक मशीन लगाने की मांग करते हुए पार्षद राजेश खन्ना ने कहा कि तकनीक का हाथ पकड़ दुनिया तेजी से आगे बढ़ रही है. ऐसे में निगम डिजिटलाइजेशन के मामले में पीछे रहे, यह उचित नहीं है. इसके अलावा अकसर निगम आने पर पाषर्दों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए रजिस्ट्रर बुक पर हस्ताक्षर करना पड़ता है. इसमें बहुत समय जाया होता है. ऐसे में आवश्यक है कि निगम बॉयोमेट्रिक मशीन का प्रयोग करे, ताकी समय की बचत हो. मेयर शोभन चटर्जी ने कहा कि बॉयोमेट्रिक मशीन का प्रयोग शायद ही देश के किसी अन्य विधानसभा या फिर कहीं और किया जाता हो. वैसे भी रजिस्ट्रर पर हस्ताक्षर करना इतिहास का हिस्सा रहा है. इसे कभी भी बंद तो नहीं किया जायेगा. परंतु निगम में बॉयोमेट्रिक मशीन लगाने पर विचार अवश्य किया जायेगा.