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संकट: अलीपुरद्वार जैसा पूरे उत्तर बंगाल का हाल, 31 बागानों में 10 हजार श्रमिकों का पीएफ बकाया

अलीपुरद्वार: उत्तरबंगाल के विभिन्न चाय बागानों मे करोड़ों रुपये का पीएफ बकाया पड़ा है. न्यूनतम मजदूरी के साथ ही बकाया पीएफ प्रदान के लिए भी श्रमिक लगातार आन्दोलन चला रहे है. लेकिन हर बार मालिक पक्ष एवं पीएफ विभाग के बीच सिर्फ पत्राचार तक ही मामला ठंडा पड़ जाता है. सिर्फ अलीपुरद्वार जिले में ही […]

अलीपुरद्वार: उत्तरबंगाल के विभिन्न चाय बागानों मे करोड़ों रुपये का पीएफ बकाया पड़ा है. न्यूनतम मजदूरी के साथ ही बकाया पीएफ प्रदान के लिए भी श्रमिक लगातार आन्दोलन चला रहे है. लेकिन हर बार मालिक पक्ष एवं पीएफ विभाग के बीच सिर्फ पत्राचार तक ही मामला ठंडा पड़ जाता है. सिर्फ अलीपुरद्वार जिले में ही 31 बागानों में लगभग 10 हजार श्रमिकों के करोड़ों रुपए का पीएफ बकाया है.
पीएफ के नाम पर श्रमिकों की गाढ़ी कमाई का पैसा काटकर मालिकों ने अपने जेब में रख लिया. इसे लेकर प्रशासन के पास लिखित शिकायत भी जमा की गयी है, लेकिन बात सिर्फ पत्राचार तक ही सीमित रहा गयी. आज तक पीएफ को लेकर कोई छानबीन भी नहीं की गई. हालांकि संबन्धित विभाग से पूछे जाने पर कहा गया की समस्या के समाधान के लिए जरुरी व्यवस्था की जा रही है.
पीएफ के जलपाईगुड़ी आंचलिक विभाग सूत्रों से प्राप्त सूचना के अनुसार , 2016 के अगस्त तक 31 चाय बागान के कुल बकाया पीएफ लगभग 40 करोड़ रुपए है. इधर अपनी मेहनत की कमाई अकाउंट में जमा नहीं किये जाने को लेकर श्रमिक भी काफी नाराज है. सूचना का अधिकार (आरटीआइ) के तहत इलाके के एक समाजसेवी ने पीएफ विभाग से सूचना इकट्ठा किया है.
इसके आधार पर पीएफ एवं श्रम विभाग में शिकायत दर्ज हुई. लेकिन वास्तव में काम कुछ भी नहीं हुआ. मामले पर छानबीन के लिए अतिरिक्त जिला शासक की ओर से अलीपुरद्वार के सहकारी श्रम कमिश्नर को चिट्ठी भेजी गई. श्रम कमिश्नर ने इस संबन्ध में कहा की जलपाईगुड़ी सहकारी पीएफ कमिश्नर ही इस मामले में कुछ कर सकते है. पीएफ विभाग सूत्रों से पता चला है कि उनलोगों की ओर से सूची तैयार कर बागान मालिक को बकाया मिटाने के लिए कहा गया है. इस मामले में श्रमिक संगठनों की ओर से विभिन्न सभा एवं विभिन्न विभागों में बकाया पीएफ मिटाने की मांग उठाई तो गई, लेकिन कोई लगातार आन्दोलन नहीं किया गया. इस संबन्ध में नेशनल यूनियन ऑफ प्लांटेशन वर्कर्स के केंद्रीय कमेटी के अध्यक्ष आलोक चक्रवर्ती ने बताया की वर्षों से करोड़ों रुपए का बकाया होने के बावजूद पीएफ विभाग इसपर चुप्पी साध रखा है. पीएफ को लेकर लगातार आन्दोलन शुरू होते ही मालिक पक्ष की ओर से बागान बंद कर दिया जाता है.
इस संबन्ध में ज्वयेंट फोरम के नेता अभिजीत राय ने कहा कि अलीपुरद्वार जिले के चाय बागानों के पीएफ बकाया एक बड़ी समस्या बनकर सामने आई है. इन बागानों न्युनतम मजदूरी की समस्या को सुलझा लेने के बाद पीएफ को लेकर आवाज उठाई जायेगी. इंडियान टी प्लैन्टर्स एसोसिएशन के सलाहकार अमितांशु चक्रवर्ती ने कहा की कुछ मामलों में समस्या रहने के कारण पीएफ का रुपआ बकाया हो गया है. मालिक पक्ष जल्द से जल्द बकाया चुकाने की कोशिश कर रहे है. मालिक पक्ष को इसके लिए किस्तों में बकाया चुकाने की भी सलाह दी गई है.
श्रमिकों के मेहनत का पैसा काटकर पीएफ में जमा नहीं करवाने को लेकर चाय श्रमिकों में जहां नाराजगी है, वहीं विभागीय अधिकारियों का कहना है कि वे अपनी तरफ से पीएफ अदायगी की पूरी कोशिश कर रहे है. लेकिन इसबीच पिस करके कई श्रमिकों की मौत भी हो गयी है. उनके परिवारों की सुध लेनेवाला तो कोई नहीं है. अपने हक का पैसा मालिक हजम कर रहे है, जबकि श्रमिक परिवार भूखों मरने को मजबूर हैं.

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