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खुली जीप की कमी से उम्मीदवारों को समस्या

कोलकाता: इस चुनावी मौसम में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रत्याशी खुली जीपों की कमी के कारण प्रभावित हो रहे हैं. ऐसी जीपें प्रत्याशियों का पसंदीदा चुनाव प्रचार वाहन हैं, क्योंकि ये उबड़-खाबड़ और कीचड़ भरे रास्तों से आसानी से निकल जाती हैं. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने कहा कि खुली जीपें चुनाव प्रचार करने […]

कोलकाता: इस चुनावी मौसम में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रत्याशी खुली जीपों की कमी के कारण प्रभावित हो रहे हैं. ऐसी जीपें प्रत्याशियों का पसंदीदा चुनाव प्रचार वाहन हैं, क्योंकि ये उबड़-खाबड़ और कीचड़ भरे रास्तों से आसानी से निकल जाती हैं.

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने कहा कि खुली जीपें चुनाव प्रचार करने में काफी सहयोग रहती हैं. इनसे प्रचार करने के दौरान प्रत्याशी एक लोकसभा के कई विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार कर सकता है. कोलकाता उत्तर क्षेत्र से प्रत्याशी राहुल सिन्हा ने कहा कि चुनाव के समय इससे प्रत्याशी को थकान कम होती है और यह ज्यादा क्षेत्रों में प्रचार के उद्देश्यों का कार्य करती है.

श्री सिन्हा के विचार इसी क्षेत्र से कांग्रेस के सोमन मित्र ने भी साझा किये. उन्होंने कहा कि पैदल चल कर लोकसभा के हर क्षेत्र में प्रचार करना बहुत मुश्किल होता है. लिहाजा जीप से प्रचार करना सुविधाजनक है.

वहीं,खुली जीप से प्रचार करना दमदम लोकसभा क्षेत्र से तृणमूल प्रत्याशी सौगत राय और भाजपा के तपन सिकदर को भी पसंद है. भाजपा उम्मीदवार बप्पी लाहिड़ी और बाबुल सुप्रियो का जीप से प्रचार उनकी संसदीय सीटों में जोरदार तरीके से चल रहा है.

वाम मोरचा उम्मीदवार जो ज्यादातर घर-घर जा कर प्रचार करते हैं, वे भी जीप का प्रयोग कर रहे हैं. हावड़ा से वामो उम्मीदवार श्रीदीप भट्टाचार्य हावड़ा औद्योगिक पट्टी में जीप से रोड शो करते देखे गये थे.

प्रत्याशी जीपों की कमी का सामना कर रहे हैं, क्योंकि विभिन्न ट्रैवल एजेंसियों व गैराज मालिकों को जीपों की आपूर्ति करने में मुश्किल आ रही है. भाजपा के नेता ने कहा कि कई प्रत्याशी जैसे बारासात सीट से पीसी सरकार खुली जीपों की कमी के कारण उसमें प्रचार नहीं कर पा रहे हैं.

एक दिन में तीन हजार वसूल रही हैं ट्रैवल एजेंसियां
ट्रैवल एजेंसियां और गैराज के मालिक जीप की स्थिति के मुताबिक एक दिन के लिए 2000-3000 रुपये किराया वसूल रहे हैं. उत्तर 24 परगना जिले के एक गैराज मालिक ने कहा कि इस साल ऐसी जीपों की मांग कुछ ज्यादा है. हमें पांच जीपों की आपूर्ति करने का ऑर्डर मिला था. लेकिन हम सिर्फ दो जीप ही उपलब्ध करा पाये. चुनाव के अलावा इन जीपों को आम तौर पर किराये पर नहीं लिया जाता है, क्योंकि ये जीपें अन्य कारों की तुलना में अधिक इंधन की खपत करती हैं. कार किराये पर देनेवाली एजेंसी चलानेवाले विश्वजीत ने कहा कि इन जीपों की मजबूती के कारण पहाड़ी इलाकों में जीपों की मांग अधिक होती है. विश्वजीत ने इसे भी रेखांकित किया कि जो जीप मालिक अपनी जीपों को किराये पर देते हैं उन्होंने मांग को देखते हुए किराये में बढ़ोतरी कर दी है. उन्होंने कहा कि प्रत्याशी खुली जीपों की बजाय मिनी ट्रकों का इस्तेमाल कर रहे हैं.

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