सपने में भी उसने नहीं सोचा था कि छह महीने की अंदर ही उसकी दुनिया उजड़ जायेगी. शुक्रवार की सुबह मोनालिसा पर एक तरह से आफत का आसमान टूट पड़ा. उनके पति का शव कॉफिन में बंद होकर दार्जिलिंग सदर थाना पहुंचा. पति का शव देखकर मोनालिसा के धीरज का बांध टूट गया. वह दहाड़ें मार कर रोने लगी. उनको संभालना मुश्किल हो रहा था. सदर थाना में उस समय मौजूद आम लोगों की आंखे भी मोनालिसा को देखकर नम हो गयीं. उल्लेखनीय है कि मोनालिसा के पति अमिताभ मल्लिक गोजमुमो सुप्रीमो बिमल गुरूंग को गिरफ्तार करने गयी टीम के साथ थे. दार्जिलिंग के तकवर वैली इलाके में बिमल गुरूंग के सुरक्षाकर्मियों तथा पुलिस के बीच मुठभेड़ हो गयी.
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दार्जिलिंग एनकाउंटर : पहाड़ों की रानी के बीच छूटा ‘राजा’ का साथ
सिलीगुड़ी/दार्जिलिंग. छह महीने पहले बड़े ही धूम-धाम के साथ जिस मोनालिसा की शादी हुई थी, आज उसी की जिंदगी वीरान हो गयी है. मध्यमग्राम के रहनेवाले पुलिस अधिकारी अमिताभ मल्लिक से शादी के बाद ही मोनालिसा उनके साथ दार्जिलिंग आ गयी थी. अमिताभ दार्जिलिग सदर थाने में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थे. शादी […]
सिलीगुड़ी/दार्जिलिंग. छह महीने पहले बड़े ही धूम-धाम के साथ जिस मोनालिसा की शादी हुई थी, आज उसी की जिंदगी वीरान हो गयी है. मध्यमग्राम के रहनेवाले पुलिस अधिकारी अमिताभ मल्लिक से शादी के बाद ही मोनालिसा उनके साथ दार्जिलिंग आ गयी थी. अमिताभ दार्जिलिग सदर थाने में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थे. शादी के बाद जब मोनालिसा को पता चला कि वह अपने पति राजा के साथ पहाड़ों की रानी दार्जिलिंग में ही रहेगी तो वह काफी खुश थी.
कब घर से निकले अमिताभ
सूत्रों के अनुसार अमिताभ कल रात को अपनी पत्नी के साथ घर पर ही थे. इसी बीच थाने से उनके मोबाइल पर फोन आया. उन्होंने पत्नी को आवश्यक काम से थाना जाने की बात कही और घर से निकल गये. उस समय जरा भी अंदेशा नहीं कि अमिताभ मल्लिक किसी बड़ी मुहिम पर जा रहे हैं और दोबारा नहीं लौटेंगे. वह अक्सर ही ड्यूटी के लिए रात को भी घर से थाने आ जाते थे. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लिंबू बस्ती इलाके में गोजमुमो समर्थकों के साथ पुलिस की मुठभेड़ हुई. पुलिस की टीम नीचे थी जबकि बिमल गुरूंग की सुरक्षा में तैनात जीएलपी कैडर उपर से मोरचा संभाले हुए थे. दोनों तरफ से गोलीबारी हो रही थी. अचानक एकके-47 की कई गोलियों ने अमिताभ मल्लिक के शरीर को छलनी कर दिया. मौके पर ही उनकी मौत हो गयी.
गुरूंग के लोगों की चलायी गयी गोली से हुई अमिताभ की मौत
पुलिस का कहना है कि बिमल गुरूंग के लोगों द्वारा एकके-47 से चलायी गयी गोली एसआई अमिताभ मल्लिक को लगी. मौके पर ही उनकी मौत हो गयी. उनकी पत्नी मोनालिसा को अभी भी इस बात का भरोसा नहीं हो रहा है कि उनके पति की मौत हो चुकी है. मोनालिसा एवं अमिताभ मल्लिक के बीच पहले से प्यार था और दोनों बाद में विवाह बंधन में बंध गये. उस समय अमिताभ मल्लिक ने पुलिस ज्वाइन नहीं की थी. मोनालिसा के परिवारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस में भर्ती होने के बाद अमिताभ मल्लिक की ट्रेनिंग बैरकपुर पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में हुयी. वहां से प्रशिक्षण पूरे करने के बाद अमिताभ मल्लिक की पोस्टिंग दार्जिलिंग में हुयी. कुछ दिनों तक नौकरी करने के बाद अमिताभ मल्लिक ने मोनालिसा से शादी की और उन्हें यहां लेकर आये. मोनालिसा ने मैनेजमेंट की पढ़ाई की है. दार्जिलिंग आने के बाद वह एक तरह से दार्जिलिंग की होकर ही रह गयी. जिंदगी में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था. अचानक सब कुछ बदल गया है.
जिला पुलिस गमगीन
अमिताभ मल्लिक की मौत से जिला पुलिस में भी मातम है. अमिताभ के शव को सदर थाना लाया गया जहां जिलाधिकारी जयशी दासगुप्ता तथा अन्य पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. बाद में उनके शव को उनके पैतृक आवास दक्षिण बंगाल के मध्यमग्राम के लिए रवाना कर दिया गया. शहीद के शव को सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट भी लाया गया जहां उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी.
अब कभी लौट कर नहीं आयेंगे अमिताभ
कोलकाता. पश्चिम बंगाल को बंटने नहीं दूंगा. बंगाल को बांटने की जो साजिश रची जा रही है, इस मनसूबे को कतई पूरा होने नहीं दूूंगा. दार्जिलिंग में विमल गुरुंग को पकड़ने गयी राज्य पुलिस की टीम पर हुए हमले में मारे गये सब-इंस्पेक्टर अमिताभ मलिक ने यह बात अपने पिता से फोन पर कही थी. लगभग एक महीने पहले की सब-इंस्पेक्टर अमिताभ मलिक उत्तर 24 परगना जिले के मध्यमग्राम स्थित अपने घर आया था और जल्द ही उसका दार्जिलिंग से दक्षिण बंगाल में ट्रांसफर होनेवाला था, लेकिन ट्रांसफर के पहले विमल गुरुंग के गुंडों से लड़ते वक्त उसकी जान चली गयी. उसकी छह माह पहले ही शादी हुई थी. एसआइ अमिताभ मलिक की मौत की खबर मिलते ही मध्यमग्राम के सात नंबर वार्ड अंतर्गत स्थित पाटुली के शरत कानन इलाके में शोक की छाया फैल गयी. परिवार वालों के साथ ही पूरा इलाका गमगीन हो गया. इसी वर्ष मार्च में अमिताभ की शादी हुई थी और एक महीने पहले ही वह अपने घर आया था और बात चल रही थी कि बहुत जल्द उसका तबादला यहां हो जायेगा, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. अमिताभ मलिक के परिवार में उनके पिता-माता व एक छोटा भाई है और पूरे घर में संसार चलाने के लिए अमिताभ ही एक मात्र सहारा था. गौरतलब है कि अमिताभ मलिक के पिता एक वेल्डर हैं और बहुत मेहनत कर उन्होंने अमिताभ को पढ़ाया. अमिताभ मलिक ने बर्दवान विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया है और उसके बाद पुलिस की परीक्षा देकर वह एसआइ बना. लगभग एक वर्ष पहले ही अमिताभ की पोस्टिंग दार्जिलिंग में हुई थी और वहां से उसका जल्द ही दक्षिण बंगाल में ट्रांसफर होनेवाला था. लेकिन अब वह कभी यहां लौट कर नहीं आ पायेगा.
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