कोलकाता. पेट्रोल पंप मालिकों और ट्रांसपोर्टरों ने आंदोलन का एलान किया है. ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के आह्वान पर 13 अक्तूबर को 24 घंटे के लिए देश भर में पेट्रोल पंप बंद रहेंगे. यानी देश भर के करीब 54 हजार पेट्रोल पंप इस दिन नहीं खुलेंगे. बंगाल में करीब तीन हजार पेट्रोल पंप और कोलकाता के लगभग 225 पेट्रोल पंप बंद रहेंगे.
उधर, ऑल इंडिया मोटर टांसपोर्ट कांग्रेस (एआइएमटीसी) ने नौ व 10 अक्तूबर को देशव्यापी चक्का जाम का एलान किया है. चक्का जाम नौ अक्तूबर को सुबह आठ बजे शुरू होगा और 10 अक्तूबर को रात आठ बजे तक जारी रहेगा. एआइएमटीसी से जुड़े संगठन कलकत्ता गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (सीजीटीए) की ओर से इसकी घोषणा की गयी. संगठन के अध्यक्ष प्रभात मित्तल ने यह जानकारी दी.
संस्था के उपाध्यक्ष संतोष सराफ ने बताया कि जीएसटी के नियमों की वजह से परिवहन क्षेत्र को डबल टैक्सेशन का सामना करना पड़ रहा है. अपने ही इस्तेमालशुदा बिजनेस ऐसेट्स की बिक्री पर सरकार डबल टैक्स ले रही है. उनकी मांग है कि ट्रांसपोर्ट सेक्टर में पंजीकरण या कंप्लायेंस न हो.
उन्होंने यह भी कहा कि डीजल की कीमतों पर उनका 70 फीसदी बिजनेस खर्च टिका होता है. इसमें बढ़ोत्तरी से उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. सरकार को डीजल को जीएसटी के दायरे में लाना होगा. तिमाही आधार पर इसकी कीमतों में संशोधन किया जाये. संगठन का यह भी आरोप था कि सड़क पर भ्रष्टाचार की वजह से व्यवसाय पर प्रतिकूल असर पड़ता है. आरटीओ की मौजूदगी को वह हटाने की मांग कर रहे हैं. किसी भी वाहन को रोकने का अधिकार एसीपी या पुलिस उप अधीक्षक स्तर के पुलिस अधिकारी के पास ही हो. नौ व 10 अक्तूबर की हड़ताल से आपातकालीन सेवाओं को मुक्त रखा गया है. जिनमें फल, सब्जी, मछली, एंबुलेंस, एलपीजी, दूध आदि की आपूर्ति शामिल है. संगठन की ओर से धमकी दी गयी है कि सरकार ने यदि उनकी मांगों को न माना तो अनिश्चितकालीन राष्ट्रव्यापी चक्काजाम किया जायेगा.
वेस्ट बंगाल पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष तुषार सेन ने कहा कि 12 अक्तूबर की रात 12 बजे से 13 अक्तूबर को रात 12 बजे तक यह हड़ताल होगी. यदि सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना तो 27 अक्तूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो जायेगी. अपनी मांगों के सिलसिले में उन्होंने कहा कि डीलरों की मार्जिन को बढ़ाने की मांग वह काफी समय से कर रहे हैं. इसे 2016 में बढ़ाया जरूर गया लेकिन नाममात्र के िलए. इसे और बढ़ाने की मांग वह कर रहे हैं. इसके अलावा पेट्रोल की शॉर्ट सप्लाई बंद होनी चाहिए. साथ ही तेल की आपूर्ति पूर्ण रूप से ऑटोमेशन (स्वचालित) में होनी चाहिए. इसके जरिये कितना तेल आया और कितना बिक्री हुआ यह स्पष्ट हो सकेगा. न तेल कंपनियों को धोखा होगा न उन्हें और न ही ग्राहकों को. श्री सेन ने कहा कि जीएसटी के सिद्धांत के मुताबिक समूचे देश में कीमत एक होनी चाहिए. लेकिन पेट्रोल पर जीएसटी लागू नहीं हुआ. केंद्र सरकार भले दावा कर रही है कि इसके लिए राज्य सरकार तैयार नहीं लेकिन ऐसी बात नहीं. वह कम से कम पश्चिम बंगाल की बात कह सकते हैं जहां सरकार पेट्रोल पर जीएसटी लगाने के पक्ष में है. श्री सेन ने कहा कि अब पेट्रोल की होम डिलीवरी देखी जा रही है. इसे भी बंद करना होगा. वरना लोग पेट्रोल पंप पर क्यों आयेंगे.
क्या है मांग
पेट्रोल पंप मालिक: डीलरों को मिलने वाला मार्जिन बढ़ाया जाये. पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में लाया जाये
ट्रांसपोर्टर: डबल टैक्सेशन का विरोध, वाहनों को रोकने का अधिकार एसीपी या डीएसपी को ही हो.