पिछले दिनों नामची के निकट गोजमुमो सेंट्रल कमेटी की बैठक में कालिम्पोंग पुलिस ने धावा बोल कर नौ गोजमुमो नेताओं को गिरफ्तार किया था. जबकि गोजमुमो सुप्रीमो विमल गुरुंग बच निकलने में कामयाब रहे थे. सिक्किम पुलिस ने तब बंगाल पुलिस पर बगैर किसी नियम-कानून के सिक्किम में छापामारी का आरोप लगाया. तब से लेकर अब तक सिक्किम तथा बंगाल सरकार के संबंधों में लगातार गिरावट आ रही है. ऐसे में राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने एकबार फिर से सिक्किम सरकार पर निशाना साधा हैं. उन्होंने नामची कोर्ट द्वारा नारी मोरचा नेता सावित्री छेत्री को जमानत देने का भी विरोध किया हैं. मंगलवार को श्री देव सिलीगुड़ी के दिनबंधु मंच में आयोजित शिक्षक दिवस समारोह में शामिल होने आये थे.
बाद में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए श्री देव ने कहा कि सावित्री छेत्री पर देशद्रोह का आरोप है. उसके बाद भी सिक्किम के अदालत द्वारा उनको जमानत दे दी गयी. ऐसे मामले में निचली अदालतों को जमानत देने कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि सावित्री छेत्री को रिमांड पर लेने की मांग राज्य पुलिस ने की थी. नियमानुसार अदालत को ट्रांजिट रिमांड पर सावित्री छेत्री को जिला पुलिस के हवाले कर देना चाहिए था.
उन्होंने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जाने की भी धमकी दी. इधर, सीआइडी के वकील अत्री शर्मा ने भी कुछ ऐसा ही कहा है. उन्होंने कहा कि नामची के अदालत को सावित्री छेत्री को ट्रांजिट रिमांड पर देना चाहिए था या पश्चिम बंगाल पुलिस के समाने आत्मसमर्पण का निर्देश देना चाहिए था. ऐसा नहीं कर अदालत द्वारा उन्हें सीधे जमानत दे दी गयी.