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गुरुंग व उनके सहयोगियों को मदद देने का आरोप, सिक्किम के खिलाफ शिकायत करेगा नवान्न
कोलकाता: यूएपीए मामले में आरोपी विमल गुरुंग और उनके सहयोगियों को मदद दे रही है सिक्किम की सरकार. इस बात को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार बेहद नाराज है और इसकी शिकायत केंद्रीय गृहमंत्री से करने जा रहा है नवान्न. उल्लेखनीय है कि इस बार गोरखालैंड आंदोलन शुरू होते ही दो पड़ोसी राज्यों के बीच असहयोग […]
कोलकाता: यूएपीए मामले में आरोपी विमल गुरुंग और उनके सहयोगियों को मदद दे रही है सिक्किम की सरकार. इस बात को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार बेहद नाराज है और इसकी शिकायत केंद्रीय गृहमंत्री से करने जा रहा है नवान्न.
उल्लेखनीय है कि इस बार गोरखालैंड आंदोलन शुरू होते ही दो पड़ोसी राज्यों के बीच असहयोग देखने को मिला. दार्जिलिंग में अशांति के कारण सिक्किम को जो आर्थिक नुक्सान हो रहा है, उसकी भरपाई पश्चिम बंगाल सरकार करे, इस मांग को लेकर पवन चामलिंग सरकार गोरखालैंड आंदोलन के पक्ष में बात करते नजर आये. लिहाजा ममता बनर्जी की सरकार इस मामले को गंभीरता से देख रही है. लेकिन रिश्ते उस वक्त और तल्ख हो गये, जब गोरखा जनमुक्ति मोर्चा की केंद्रीय कमेटी की खुफिया बैठक शुक्रवार गुप्त स्थान पर हो रही थी और उस पर बंगाल पुलिस ने धावा बोल दिया.
सिक्किम ने इस पर कड़ी आपत्ति जतायी. वहीं, सिक्किम की भूमिका पर एतराज जताते हुए राज्य पुलिस महानिदेशक सुरजीत कर पुरकायस्थ वहां के पुलिस अधिकारियों को पत्र देकर सहयोग करने की बात कह रहे हैं.
बंगाल पुलिस के मुताबिक स्पष्ट रूप से सिक्किम पुलिस को बताया गया कि दार्जिलिंग में लगातार हो रही हिंसा, हमले और हत्या की घटनाओं को अंजाम देकर अपराधी सिक्किम में पनाह ले रहे हैं.
लिहाजा आतंकवादियों के लिए पनाहगाह बन गया है सिक्किम. यह बात अब बंगाल पुलिस राज्य सरकार के मार्फत सबूतों के साथ केंद्रीय गृह मंत्रालय को देने जा रही है. सूत्रों के मुताबिक संघीय ढांचे में सिक्किम सरकार की भूमिका को लेकर मुख्यमंत्री भी बेहद नाराज हैं.
सिक्किम पर भी दबाव
जानकारों के मुताबिक नवान्न के रुख को देखते हुए सिक्किम सरकार भी दबाव में है, क्योंकि बहुत कुछ मामलों में सिक्किम को पश्चिम बंगाल पर निर्भर रहना पड़ता है. ऐसे में राज्य सरकार से संबंध खराब होते हैं, तो मुश्किल हो सकती है. लिहाजा पवन चामलिंग के राजनीतिक सलाहकार केटी गैलसन ने कहा कि इस पूरे मामले में संवादहीनता की वजह से दूरियां बढ़ी हैं. हमलोगों की जानकारी के बगैर पश्चिम बंगाल पुलिस उनके राज्य में कार्रवाई करे और हमे पता ही नहीं चले, यह बात कोई नहीं मानेगा. इसलिए वह पश्चिम बंगाल पुलिस की कार्रवाई की निंदा करते हैं. साथ ही यह भी सलाह देते हैं कि पड़ोसी राज्यों को एक दूसरे के साथ बेहतर संबंध रखना जरूरी होता है. हालांकि पश्चिम बंगाल पुलिस का दावा है कि वह पहले ही इस तरह की घटना की जानकारी दे चुके हैं.
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