इसमें सभी राज्यों को केंद्र से प्राकृतिक तौर पर आयी आपदा स्थिति का मुकाबला करने के लिए फंड मिलता है. उन्हें एनडीआरएफ से तात्कालिक राहत के लिए फंड भी मिलता है. केंद्रीय सहायता मिलने पर भी क्या यह राज्य सरकार की असफलता नहीं है? श्री चौधरी ने यह भी कहा कि राज्य की सहमति के बगैर डीवीसी पानी नहीं छोड़ सकता. इसका नियंत्रण एक नियामक कमेटी करती है, जिसमें केंद्र, डीवीसी और पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार के भी प्रतिनिधि हैं. लिहाजा यह संभव ही नहीं है कि राज्य सरकार की सहमति के बगैर वह बांध से पानी छोड़ दें. श्री चौधरी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री डीवीसी पर दोषारोपण करके लोगों को भम्रा रही हैं. उन्हें सच बोलने की वह चुनौती देते हैं. श्री चौधरी ने दक्षिण कोलकाता में हाजरा क्राॅसिंग से लेक मॉल तक एक रैली निकाली और स्थानीय लोगो से बाढ़ पीड़ितों की मदद करने की अपील की.
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फंड के बावजूद, बाढ़ की स्थिति नहीं संभाल सकी सरकार : अधीर
कोलकाता: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार, बाढ़ की हालिया स्थिति को स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड (एसडीआरएफ) और नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड (एनडीआरएफ) द्वारा दी गयी राशि के बावजूद संभाल नहीं सकी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार बाढ़ पीड़ितों को राहत और पुनर्वास देने के मुद्दे पर […]
कोलकाता: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार, बाढ़ की हालिया स्थिति को स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड (एसडीआरएफ) और नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड (एनडीआरएफ) द्वारा दी गयी राशि के बावजूद संभाल नहीं सकी.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार बाढ़ पीड़ितों को राहत और पुनर्वास देने के मुद्दे पर केवल इसे मानव निर्मित बाढ़ बताकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती. एक सभा को संबोधित करते हुए श्री चौधरी ने कहा कि आपदा प्रबंधन कानून 2005 कांग्रेस के शासनकाल में पास हुआ था.
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