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आइआइटी खड़गपुर में बनेगा म्यूजियम

कोलकाता. आइआइटी, खड़गपुर के 8.5 स्क्वायर किलोमीटर कैम्पस के एक हिस्से से एक इतिहास जुड़ा हुआ है. अब संस्थान ने इसको फिर से नया रूप देने की व्यवस्था की है. यह हिस्सा संस्थान के वन क्षेत्र से होता हुआ, सेन्ट्रल स्टोर से होकर गुजरता है. इस हिस्से में एक तल्ला बिल्डिंग थी जिसका इस्तेमाल ब्रिटिश […]

कोलकाता. आइआइटी, खड़गपुर के 8.5 स्क्वायर किलोमीटर कैम्पस के एक हिस्से से एक इतिहास जुड़ा हुआ है. अब संस्थान ने इसको फिर से नया रूप देने की व्यवस्था की है. यह हिस्सा संस्थान के वन क्षेत्र से होता हुआ, सेन्ट्रल स्टोर से होकर गुजरता है. इस हिस्से में एक तल्ला बिल्डिंग थी जिसका इस्तेमाल ब्रिटिश किया करते थे. बताया जाता है कि यहां मिदनापुर की महिला कैदियों को रखा जाता था. इस जगह का अपना एक महत्व है. यह महिला जेल हिजली डीटेन्शन कैम्प के विस्तार के रूप में जाना जाता है. यह कैम्प हालांकि इस स्थान से काफी दूर है. लेकिन इसका विस्तार उस जमाने में यहां किया गया.

इसकी शुरुआत 1951 में की गयी. संस्थान ने न केवल कैम्प को हेरीटेज के हिस्से के रूप में इस्तेमाल किया बल्कि इसको एक म्यूजियम के रूप में बदलने की योजना बनायी. महिला जेल के नाम से विख्यात इस स्थान का 15 साल पहले सुधारगृह के रूप में इसकी मरम्मत करायी गयी थी. उस समय भारत छोड़ो आन्दोलन के 60 साल का जश्न मनाया गया. इसके बाद इस ऐतिहासिक महिला जेल को लेकर कुछ नहीं किया गया. अब संस्थान ने इस महिला जेल को संरक्षित करने का फैसला किया है. यह जानकारी संस्थान के उप निदेशक श्रीमान भट्टाचार्य ने दी.

उनका कहना है कि अब इस स्थान को एक म्यूजियम में बदलने का फैसला किया गया है. इसमें मिदनापुर की महिला स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास को दर्शाया जायेगा. यह 18वीं सदी के अाधी शताब्दी की कहानी बतायेगा. ब्रिटिश द्वारा मिदनापुर को देश का एक सबसे अधिक युद्धरत हिस्से के रूप में स्वीकार किया गया, क्योंकि इस स्वतंत्रता संग्राम में महिलाएं भी शामिल थीं. करनागर की रानी श्रोमणि देश की पहली महिला कैदी बनी. इसी हिसाब से वे महिला जेल बनायी गयी थी. हिजली डीटेन्शन कैम्प के विस्तार के रूप में इसको बनाया गया. मातंगिनी हाजरा एक गांधी समर्थक थी, जिसने नमक सत्याग्रह के समय महिलाओं के आंदोलन का नेतृत्व किया. उनको अपने साथियों के साथ कई बार इस सेल में रखा गया था. महिला जेल इस कैम्पस का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इस म्यूजियम का रूप दिया जायेगा, ताकि छात्र इतिहास जान सकें.

कसांवती नदी में डूबे युवक का शव बरामद : कोतवाली थाना अंतर्गत मेदिनीपुर सहर पाथरा आठ नंबर अंचल के कुकवा गांव में स्थित कयांवती नदी में डूब गये एक युवक का शव बरामद किया गया. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मृतक का नाम त्रिदीप पात्र (23) है. वह काकुवा गांव का निवासी था. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. फिलहाल पुलिस घटना की जांच कर रही है.

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