कोलकाता: सरकारी अनुदान प्राप्त स्कूलों में सरकार बच्चों को यूं तो कई सुविधाएं मुहैया करा रही हैं, लेकिन अभी भी राज्य के कई स्कूलों में शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हुए हैं. इन पदों पर लंबे समय से शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है. इस मामले में कई शिक्षक संगठनों का कहना है कि राज्य के ज्यादातर अनुदान प्राप्त, सरकारी व गवर्नमेंट स्कूलों में अभी बच्चों के लिए मिड डे मील से लेकर ड्रेस, किताबें, जूते, स्कॉलरशिप की सुविधाएं दी जा रही हैं. कन्याश्री के तहत लड़कियों को अच्छी रकम उनके अकाइंट के जरिये मिल रही है, लेकिन शिक्षा का स्तर अभी नहीं सुधरा है. इसका कारण यही है कि स्कूलों में शिक्षकों की कमी है. कई स्वीकृत पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है. सरकार शीघ्र नियुक्ति करने का दावा करती है लेकिन अभी तक कई हजारों पद शिक्षकों के खाली पड़े हुए हैं.
इस विषय में सेकेंडरी टीचर्स व एम्पलाइज एसोसिएशन के एक सदस्य ने बताया कि प्राथमिक स्कूलों में कुछ शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, लेकिन माध्यमिक व उच्च माध्यमिक में अब तक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है. कई योग्य लोगों ने नौकरी के लिए आवेदन किया है, लेकिन अब तक स्वीकृत पदों पर नियुक्ति नहीं हुई है.
कुछ हेडमास्टरों का कहना है कि उपनगरीय स्कूलों में बच्चों की तादाद इतनी ज्यादा है लेकिन शिक्षकों की कमी है. कम शिक्षकों से ही फिलहाल काम चलाया जा रहा है.
इस विषय में हुगली गाैर हरि हरिजन विद्या मंदिर के टीचर इनचार्ज राजेंद्र प्रसाद सिंह का कहना है कि स्कूल में छात्रों की संख्या अधिक है लेकिन शिक्षकों की कमी है, इससे पढ़ाई पर असर पड़ता है. हमारे विद्यालय में 18 शिक्षक व 2 क्लर्क के पद रिक्त हैं. 2007 के बाद कोई नियुक्ति नहीं हुई है.
आदर्श हिंदी हाइ स्कूल, मोमिनपुर के हेडमास्टर डॉ बी बी सिंह ने बताया कि लगभग 6-7 साल से कोई नियुक्ति शिक्षकों की नहीं हुई है. अभी उनके यहां 16 पद रिक्त हैं.
शिवपुर अम्बिका हिंदी हाइ स्कूल के एक वरिष्ठ शिक्षक ने बताया कि एसएससी में प्रस्ताव दिया भेजा गया है लेकिन कई सालों से नियुक्ति नहीं हुई है. हमारे यहां 7-8 शिक्षकों के पद रिक्त हैं. ग्रुप डी में एक भी आदमी नहीं है. ऐसे ही स्कूल चल रहा है.
सरकार ने पूजा से पहले नियुक्ति का किया था दावा
बंगीय प्राथमिक शिक्षा-ओ-शिक्षा कर्मी के संयुक्त सचिव सपन मंडल ने बताया कि अपर प्राइमरी, सेकेंडरी व उच्च माध्यमिक में राज्य में लगभग 50,000 शिक्षकों के पद रिक्त हैं. वर्ष 2012 से पद रिक्त पड़े हैं. इन पर कोई नियुक्ति नहीं हुई है. टेट के नतीजे आने के बावजूद फाइनल इंटरव्यू नहीं हुआ है. सरकार ने दावा किया है कि पूजा से पहले नियुक्ति की जायेगी लेकिन अब तक इसकी कोई सूचना नहीं है.