वह डिफेंस सर्विसेज स्टफ कॉलेज वेलिंग्टन, आर्मी वार कॉलेज, एमएचआेडब्लू एवं नेशनल डिफेंस कॉलेज नयी दिल्ली के पूर्व छात्र हैं. 37 वर्ष के प्रतिष्ठित आर्मी कैरियर के दौरान उन्हें सेना के विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर काम करने का जबरदस्त अनुभव है.
राष्ट्रीय राइफल्स की एक बटालियन का कमांड करते हुए कारगिल युद्ध के दौरान कश्मीर घाटी के कुपवाड़ा एवं उत्तर पूर्व के मणिपुर में आतंक-निरोधक ऑपरेशन के दौरान उन्होंने काफी अनुभव हासिल किया. लेफ्टिनेंट जनरल अभय कृष्ण विभिन्न संयुक्त राष्ट्र मिशनों में भारतीय सेना के राजदूत भी रहे हैं. वह मोजाम्बिक आैर रवांडा में संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक फोर्स में एक सैन्य पर्यवेक्षक भी रहे हैं. उन्हें बुरुंडी में संयुक्त राष्ट्र फोर्स के चीफ ऑफ स्टाफ के पद पर भी नियुक्त किया गया था.