कोलकाता. समझौता के बावजूद छिंटमहल के लोग अधिकार से वंचित हो रहे हैं. छिंटमहल के कई इलाके ऐसे हैं जहां के लोगों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. राज्य में उनके पुनर्वास के नाम पर केंद्र सरकार द्वारा आबंटित राशि का सही उपयोग नहीं किया जा रहा है. यह आरोप लगाते हुए कांग्रेस और […]
कोलकाता. समझौता के बावजूद छिंटमहल के लोग अधिकार से वंचित हो रहे हैं. छिंटमहल के कई इलाके ऐसे हैं जहां के लोगों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. राज्य में उनके पुनर्वास के नाम पर केंद्र सरकार द्वारा आबंटित राशि का सही उपयोग नहीं किया जा रहा है. यह आरोप लगाते हुए कांग्रेस और वाममोरचा विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से मिला.
प्रतिनिधिमंडल में विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान, वाम परिषदीय दल के नेता डाॅ सुजन चक्रवर्ती शामिल थे. राज्यपाल से मुलाकात करने के बाद संवाददाताओं से मुखातिब हुए डॉ सुजन चक्रवर्ती ने आरोप लगाया है कि राज्य में छिंटमहल अंतरराष्ट्रीय समझौता का उल्लंघन किया जा रहा है. आरोप के अनुसार छिंटमहल के लोगों के पुनर्वासन के लिए जमीन खरीदने के लिए जो राशि केंद्र सरकार की ओर से आंबटित की जा रही है उसका सही इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है.
छिंटमहल के लोगों को जो आश्वासन केंद्र व राज्य सरकार की ओर से दिया गया था वह पूरा नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा है कि राज्यपाल ने उपरोक्त मसले को गंभीरता से लेने का आश्वासन दिया है.
दल बदलने वाले नेताओं पर सख्ती बरती जाये :अन्य मुद्दे को लेकर कांग्रेस नेता अब्दुल मन्नान ने कहा कि कांग्रेस व अन्य दलों से जो विधायक तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए हैं उनकी सदस्यता रद्द होनी चाहिए. इस बाबत विपक्ष की ओर से विधानसभा अध्यक्ष को आवेदन भी किया गया है. यदि ऐसे नेताओं पर कार्रवाई नहीं होती है तो विपक्ष अदालत की ओर भी रूख कर सकता है. मन्नान ने दल बदलने वाले नेताओं को चुनौती देते हुए कहा है कि वे पहले अपने पद से इस्तीफा दें और चुनाव लड़ें. ताकि जनता के विश्वास से खिलवाड़ न किया जा सके.