दार्जिलिंग: मंगलवार की रात को गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन के अधीन दार्जिलिंग डिवीजनल इंजीनियरिंग (डीइ) ऑफिस को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया. आग लगने की खबर फैलते ही दमकल की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं. तबतक कार्यालय जलकर खाक हो चुका था. इस बीच, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शैलाबास स्थित इस कार्यालय की स्पेशल ऑडिट होनेवाली थी.
इससे पहले ही यहां आग लगा दी गयी. तीस्ता वैली सार्वजनिक भवन में भी आग लगा दी गयी. मंगलवार को ही दार्जिलिंग के राजबाड़ी पंचायत ऑफिस को जला दिया गया. आग लगाने का आरोप गोजमुमो समर्थकों पर लगा है. मोरचा द्वारा विरोध प्रदर्शन और उग्र करने और कई स्थानों पर आगजनी किये जाने की घटना के बाद यहां के विभिन्न सरकारी कार्यालयों की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. जिला न्यायालय सहित विभिन्न सरकारी कार्यालयों में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी है.
गोजमुमो के दो नेता िगरफ्तार, थाने का घेराव, बाद में छोड़ा
दार्जिलिंग. दार्जिलिंग शहर में बुधवार को फिर से हालात बिगड़ने लगे, जब सदर पुलिस ने गोजमुमो (गोरखा जनमुक्ति मोरचा) की केंद्रीय समिति के सदस्य डॉ आरबी भुजेल और श्यामल गुरुंग को गिरफ्तार किया. वैसे तो पुलिस ने पूछताछ के लिए दोनों को हिरासत में लेने की बात कही. लेकिन दोनों नेताओं को जैसे ही पुलिस द्वारा पकड़े जाने की जानकारी गोजमुमो समर्थकों को मिली, तनाव पैदा हो गया. उसके बाद गोजमुमो समर्थकों ने विरोध में शहर में विराट रैली निकाली, जो शहर की परिक्रमा करते हुए सदर थाना पहुंची. काफी देर तक समर्थकों ने थाने का घेराव किया. भीड़ के दबाव में आकर पुलिस ने दोनों को छोड़ दिया. इधर, पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सिंहमारी पुलिस आउटपोस्ट के निकट गोजमुमो के कुछ समर्थक नारेबाजी कर रहे थे. ये सभी एक गाड़ी में सवार थे. पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोका और गाड़ी की तलाशी ली. उस समय आरबी भुजेल और श्यामल गुरुंग गाड़ी में ही थे. पूछताछ के लिए उन्हें हिरासत में ले लिया गया.