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जीएसटी: पहले दिन महानगर की अधिकतर दुकानें रहीं बंद, हड़ताल पर कपड़ा व्यापारी
कोलकाता: जीएसटी के खिलाफ चेंबर ऑफ टेक्सटाइल ट्रेड एंड इंडस्ट्री (कोट्टी) की अपील पर मंगलवार से तीन दिवसीय कपड़ा व्यवसाय हड़ताल शुरू हो गयी. हड़ताल के मद्देनजर महानगर में कपड़े की अधिकतर दुकानें बंद रहीं. कोट्टी के मुताबिक हड़ताल के पहले दिन कोलकाता का थोक कपड़ा बाजार पूरी तरह बंद रहा. अधिकतर खुदरा दुकानें बंद […]
कोलकाता: जीएसटी के खिलाफ चेंबर ऑफ टेक्सटाइल ट्रेड एंड इंडस्ट्री (कोट्टी) की अपील पर मंगलवार से तीन दिवसीय कपड़ा व्यवसाय हड़ताल शुरू हो गयी. हड़ताल के मद्देनजर महानगर में कपड़े की अधिकतर दुकानें बंद रहीं.
कोट्टी के मुताबिक हड़ताल के पहले दिन कोलकाता का थोक कपड़ा बाजार पूरी तरह बंद रहा. अधिकतर खुदरा दुकानें बंद भी रहीं. मंगलवार को जमनालाल बजाज स्ट्रीट स्थित चेंबर कार्यालय के सामने बड़ी तादाद में कपड़ा व्यवसायी इकट्ठा हुए. यहां से एक जुलूस निकला गया जो पगैया पट्टी, एमजी रोड, मल्लिक स्ट्रीट होते हुए कलाकार स्ट्रीट पहुंचा. वहां एक सभा की गयी. कोट्टी की सहयोगी संस्था कलकत्ता साड़ी डीलर्स एसोसिएशन के मंच से कोट्टी के अध्यक्ष अरुण भुवालका, पूर्व अध्यक्ष मुरारी लाल खेता, मंत्री महेंद्र जैन, विजय शंकर अग्रवाल एवं विनोद कोचर ने अपना विचार रखा. श्री भुवालका ने कहा कि 30 जून को जीएसटी के खिलाफ देशभर में सभी व्यापार बंद रहेंगे. महानगर में कपड़े की अधिकतर दुकानें भी बंद रहीं. आंदोलनकारियों ने दावा किया कि देशव्यापी हड़ताल का पूरे देश में असर देखने को मिला है.
कपड़े का व्यापार करना हो जायेगा कठिन : सुशील
साउथ कोलकाता साड़ी डीलर्स एसोसिएशन के महासचिव सुशील बुबना ने बताया कि कपड़ा पर जीएसटी लागू होने से उनके लिए व्यापार करना कठिन हो जायेगा. महीने में बार-बार रिटर्न दाखिल करना होगा. जबकि इस पेशे से जुड़े अधिकतर लोगों को कंप्यूटर चलाना तक नहीं आता. साथ ही साड़ियों की कीमत भी अधिक हो जायेगी. कीमत में कम से कम 10 फीसदी की बढ़ोतरी होगी. उन्होंने कहा कि कपड़ों पर ऐसा टैक्स कभी नहीं लगा. हमरा आंदोलन जारी रहेगा. हड़ताल तो तीन दिन की है लेकिन हमारी लड़ाई जारी रहेगी. इस संबंध में सरकार को चिट्ठी भी लिखी गयी है. आगे की रणनीति बाद में तय की जायेगी. हड़ताल की वजह से पार्क स्ट्रीट से लेकर बड़ाबाजार तक कपड़े की अधिकतर दुकाने बंद रहीं.
हड़ताल पर उठे सवाल : कपड़ा हड़ताल के खिलाफ आवाज भी उठ रही है. एक्साइज विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि कई व्यापारियों की मूल समस्या कच्चा कारोबार नहीं कर पाने की है. पहले वह इसके जरिये मोटी कमाई कर लेते थे. लेकिन अभी हालात बदल रहे हैं. जीएसटी लागू होने से यह बंद हो जायेगा. जीएसटी के नियमों के तहत प्रक्रिया के तहत मिलने वाले लाभ को आगे ग्राहक को देना होता है, यह वही लाभ है जो व्यापारियों का पहले अपना लाभ होता था. जीएसटी लागू होने से इस पर अंकुश लग जायेगा.
बिना तैयारी के किया जा रहा लागू : कोट्टी के अनुसार बिना किसी तैयारी के जीएसटी को लागू किया जा रहा है. संबंधित उद्योग को ध्यान में रखे बगैर ही थोपा जा रहा है. मौजूदा स्वरूप में यह लगता है तो उनके व्यापार के अस्तित्व पर ही खतरा उत्पन्न हो जायेगा.
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