कोलकाता: जिलाधिकारी शांतनु बसु ने बेलगछिया इलाके से भगाड़ (कूड़ा फेंकने की जगह) हटा कर उसे शिवपुर के एक इलाके की जलाभूमि में शिफ्ट करने का प्रस्ताव दिया है. हालांकि स्थानीय लोगों ने इसके खिलाफ आवाज उठायी है. मामला फिलहाल अधर में लटका हुआ है. उल्लेखनीय है कि कलकत्ता हाइकोर्ट ने जिलाधिकारी शांतनु बोस को आदेश देते हुए कहा था कि जल्द से जल्द वह हावड़ा नगर निगम के अधिकारी के साथ बैठक करें और कूड़ा-कचरा फेंकने के लिए एक दूसरे जगह की तलाश करें.
हावड़ा नगर निगम के कमिश्नर नीलांजन चटर्जी ने बताया कि जिलाधिकारी श्री बसु ने शिवपुर के पद्दोपुकुर इलाके में खाली पड़ी 27 एकड़ जमीन पर भगाड़ बनाने का प्रस्ताव दिया है, लेकिन स्थानीय निवासियों ने इस जगह पर भगाड़ बनाने को लेकर आपत्ति जतायी है. स्थानीय लोगों के अनुसार, यह 27 एकड़ जमीन हावड़ा एचआइटी और केएमडीए की है.
जलाभूमि पाट कर भगाड़ बनाने की योजना गलत है. दूसरी तरफ, हाइकोर्ट ने डीएम को यह भी आदेश दिया है कि भगाड़ बनाने से पहले वह प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से हरी झंडी लेना नहीं भूले. नगर निगम के कमिश्नर श्री चटर्जी ने बताया कि यह जमीन शिवपुर मौजा के अंतर्गत है और यह जमीन एचआइटी और केएमडीएम की है. अभी तक अंतिम फैसला नहीं लिया गया है. अतिरिक्त जिलाधिकारी अशोक दास ने बताया कि चूंकि हाइकोर्ट ने डीएम को जल्द जमीन देखने का आदेश दिया था, इसलिए जल्दबाजी में यह जमीन देखी गयी थी. एडीएम ने कहा कि 27 एकड़ जमीन में 19 एकड़ जमीन केएमडीए की है, जबकि बाकी जमीन एचआइटी की है. इस जमीन के चारों तरफ घनी आबादी है.
इस 27 एकड़ जलाभूमि में 20-25 जलाशय हैं, जहां 12 महीने मछली पालन किया जाता है. साथ ही इस जमीन से थोड़ी ही दूरी पर पद्दोपुकुर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट है, जहां से शहरवासियों के लिए जलापूर्ति की जाती है. अगर यहां भगाड़ बनाया जाता है, तो मछली पालन प्रभावित होगा और पेयजल प्रदूषण की भी आशंका रहेगी.