दार्जीलिंग. गोरखा जनमुक्ति मोरचा (गोजमुमो) ने बुधवार को दार्जीलिंग के स्कूलों को प्रस्ताव दिया कि वे 23 जून को उन्हें 12 घंटे की मोहलत देगा, जिससे वे बच्चों को सुरक्षित सिलीगुड़ी और रांगपो पहुंचा दें. गोजमुमो के वरिष्ठ नेता विनय तामांग ने यहां संवाददाताओं को बताया : हमारी पार्टी की केंद्रीय समिति ने 23 जून […]
दार्जीलिंग. गोरखा जनमुक्ति मोरचा (गोजमुमो) ने बुधवार को दार्जीलिंग के स्कूलों को प्रस्ताव दिया कि वे 23 जून को उन्हें 12 घंटे की मोहलत देगा, जिससे वे बच्चों को सुरक्षित सिलीगुड़ी और रांगपो पहुंचा दें. गोजमुमो के वरिष्ठ नेता विनय तामांग ने यहां संवाददाताओं को बताया : हमारी पार्टी की केंद्रीय समिति ने 23 जून को सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक की मोहलत स्कूलों को देने का फैसला किया है, जिससे वे अपने छात्रों को यहां से निकाल सकें. छात्रों को सिर्फ स्कूल बस में सिलीगुड़ी या रांगपो जाने की अनुमति होगी. अनिश्चितकालीन बंद जारी रहेगा. सिर्फ छात्रों को सुरक्षित जाने की इजाजत होगी.
उन्होंने कहा कि 12 घंटे की अवधि के दौरान स्कूल बसों के अलावा किसी भी गाड़ी को यहां से जाने की इजाजत नहीं दी जायेगी. मोरचा ने दार्जीलिंग में 15 जून से अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान कर रखा है. आपूर्ति खत्म होने और कुछ ही दिनों में छुट्टियां शुरू होने से दार्जीलिंग के बोर्डिंग स्कूल इस बंद के दौरान बेहद मुश्किल वक्त का सामना कर रहे हैं. दार्जीलिंग में देश के कुछ सबसे पुराने व प्रतिष्ठित बोर्डिंग स्कूल हैं.
हिमाली बोर्डिंग स्कूल के प्रधानाचार्य रबिंद्र सुब्बा ने कहा: हमारे सामने अभी दो समस्याएं हैं. पहला खाद्य सामग्री के भंडार की स्थिति और दूसरा छात्रों को घर भेजना.
पहाड़ मुद्दे पर तृणमूल व भाजपा सांसद में ठनी
दार्जीलिंग मुद्दे पर बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस व भाजपा के बीच तकरार शुरू हो गयी है. जहां एक ओर तृणमूल कांग्रेस ने गोरखा जनमुक्ति मोरचा (गोजमुमो) के आंदोलन में आतंकी संगठनों के शामिल होने की बात कही है और इस आंदोलन को दबाने के लिए हरसंभव प्रयास में जुटी हुई है. वहीं, दार्जीलिंग से भाजपा सांसद एसएस अहलुवालिया ने राज्य सरकार द्वारा लगाये गये आरोपों पर सवाल उठाये हैं. श्री सिंह ने गोजमुमो के अलग गोरखालैंड की मांग पर भी विचार करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि पहाड़ की जनता 120 वर्षों से अलग गोरखालैंड की मांग कर रहे हैं और उनकी इस मांग पर केंद्र सरकार सहानुभूति से विचार करेगी. पहाड़ के लोगों की यह मांग पूरी हो, इस पर हम लोग भी ध्यान रखेंगे. दार्जीलिंग सांसद के इस बयान पर तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने आंदोलन को शांत करने के लिए नहीं, बल्कि इसे और हवा देने का काम किया है.
पार्थ चटर्जी ने भाजपा सांसद को निलंबित करने की मांग की है. बुधवार को तृणमूल भवन में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए श्री चटर्जी ने कहा कि एक जनप्रतिनिधि का काम हिंसा को शांत करना है. दार्जीलिंग के भाजपा सांसद का बयान दुर्भाग्यजनक है. उनके इस बयान के खिलाफ उनकी पार्टी को सांसद के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. उन्हें सांसद पद से निलंबित कर देना चाहिए. श्री चटर्जी ने कहा कि राज्य सरकार इस प्रकार की बयानबाजी का कतई समर्थन नहीं करती है.
उधर, दार्जीलिंग के सांसद ने गोजमुमो के विदेशी आतंकवादियों से संपर्क होने के लगाये गये मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आरोप को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने गंभीर आरोप लगाया है. लेकिन यह सही नहीं है. अगर यह सही है, तो उनका खुफिया विभाग क्या कर रहा है. क्या उन्होंने इस बारे में केंद्र को सूचना दी है. भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री सुरिन्दर सिंह अहलुवालिया ने दार्जिलिंग में पुलिस की गोली से मरे गोजमुमो समर्थकों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की है. साथ ही पुलिस फायरिंग मामले की जांच कराने के साथ ही राज्य सरकार दोषी पुलिस अधिकारियों को सजा देने की मांग की.