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भाई के दीर्घायू होने की कामना की बहनों ने

आसनसोल : मंगलवार को भाई बहन का पावन पर्व भैया दूज (भाई फोटा) धूमधाम से मनाया गया. शिल्पांचल के हिन्दी भाषी व बंगाली समाज में सुबह से ही काफी उल्लास रहा. बहनों ने अपने भाई की लम्बी उम्र की दुआ मांगी. भाई यमद्वार ना जाये इसको लेकर पहले यमद्वार पर कांटा लगाने की रस्म निभायी […]

आसनसोल : मंगलवार को भाई बहन का पावन पर्व भैया दूज (भाई फोटा) धूमधाम से मनाया गया. शिल्पांचल के हिन्दी भाषी व बंगाली समाज में सुबह से ही काफी उल्लास रहा. बहनों ने अपने भाई की लम्बी उम्र की दुआ मांगी. भाई यमद्वार ना जाये इसको लेकर पहले यमद्वार पर कांटा लगाने की रस्म निभायी गयी.

फिर गोधन कूटने के बाद भाई को चन्दन व रोढी का तिलक लगा चना खिलाया गया. भाई ने भी अपनी बहन को अशीर्वाद व गिफ्ट देकर बधाई दी. भाई दूज को लेकर आसनसोल व आस पास के कई मंदिरों में मंगलवार को भीड़ सुबह से ही रही. घाघर बुडी मंदिर, कल्याणश्वरी मंदिर, शनि मंदिर, महावीर मंदिर आदि में भीड़ रही.

भाई दूज को लेकर बाजार में भी रौनक थी. सुबह से ही मिठाई दुकानों में काफी भीड़ थी. नामचीन मिठाई दुकान- कोलकाता स्वीट्स (भगत सिंह मोड़), रंजन केवीन(हॉटन रोड़) तथा बर्नपुर स्थित जलयोग मिष्ठान भण्डार के साथ ही अन्य मिठाई दुकानों में मिठाई खरीदारों की भीड़ थी. भैया दूज विधि विधान से सम्पन्न होने के बाद दोपहर से खान पान के बाद मनोरंजन का दौर शुरू हो गया.

बर्नपुर में मना गोधन, भैयादूज, भाई: बर्नपुर. बर्नपुर में मंगलवार को भैया दूज के अवसर पर बहनो ने अपने भाईयो की लंबी आयु की प्रार्थना के लिए बजरी कूटा. शांतिनगर निवासी राधा सिंह ने कहा कि भैया दूज भाई बहन के अमर प्रेम का पर्व है. इस दिन बहन अपनी जीभ पर रेंगनी का कांटा चुभाकर अपने भाई के लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती है.

साथ ही भाई के दुश्मनो को श्रप देती है. यह त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के द्वितीया को मनाया जाता है. इसलिए इसे भाई दूज के नाम से जाना जाता है. उसके पश्चात् सभी महिलाएं मिलकर गीत गाती है. बजरी को कुट कर भाई को खिलाया जाता है.

इसे भाई फोटा के नाम से भी जाना जाता है. भाईयो का तिलक लगाकर उनका सम्मान किया जाता है. पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन मृत्यु के देवता यमराज अपनी बहन यमी (वरूणी) के घर घुमने गये थे. बहन ने भाई को तिलक तथा आरती कर स्वागत किया. सुंदर पकवान खिलाये. यमराज जब लौटकर वापस आने लगे तो बहने से कहा कि तुम्हारे लिये कुछ उपहार भी नही ला सका. बहने ने कहा कि उपहार की आवश्यकता नहीं है. इस दिन को सदा के लिए अमर कर दो. सभी बहने अपने भाईयों का इसी प्रकार नमन करें.

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