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यूनियनों के दबाव में बोनस पर बैठक चार को
सीएससी की केंद्रीय कार्यकारिणी की विस्तारित बैठक में घोषणा इसीएल की उपेक्षा के खिलाफ मुख्यालय पर संयुक्त धरना 27 को आसनसोल. हिंद मजदूर सभा के संबद्ध कोलियरी मजदूर कांग्रेस के महासचिव एसके पांडेय ने कहा कि कोयला श्रमिकों के बोनस के मुद्दे पर आगामी चार अक्तूबर को कोल इंडिया स्तर पर बैठक हो सकती है. […]
सीएससी की केंद्रीय कार्यकारिणी की विस्तारित बैठक में घोषणा
इसीएल की उपेक्षा के खिलाफ मुख्यालय पर संयुक्त धरना 27 को
आसनसोल. हिंद मजदूर सभा के संबद्ध कोलियरी मजदूर कांग्रेस के महासचिव एसके पांडेय ने कहा कि कोयला श्रमिकों के बोनस के मुद्दे पर आगामी चार अक्तूबर को कोल इंडिया स्तर पर बैठक हो सकती है.
स्थानीय आश्रम मोड़ के पास स्थित गुप्ता कॉलेज परिसर में आयोजित यूनियन की केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए रविवार को उन्होंने कहा कि आनेवाले समय में इसीएल में उनकी यूनियन सबसे बड़ी यूनियन बनी रहेगी. बैठक में बंगाल व झारखंड के प्रतिनिधि शामिल थे. इसके साथ ही केंद्रीय कार्यकारिणी में सात पदाधिकारियों का मनोनयन किया गया.
महासचिव श्री पांडेय ने कहा कि जेबीसीसीआइ-10 के गठन में शुरूसे ही अड़चने आ रही है. पहले सका गया गया कि सिंगरैनी कोल कंपनी इस वेतन समझौते में शामिल नहीं होगी. इसके बाद केंद्रीय सरकार ने खुद को इससे अलग रहने की घोषणा की. इन दोनों जटिलताओं को समाप्त किया गया.
दोनों ही इससे जुड़ी है. यूनियनों के काफी दबाब के बाद जेबीसीसीआइ के गठन की घोषणा की गयी. लेकिन इंटक का गुटीय विवाद सामने आ गया. दिल्ली हाइ कोर्ट ने रेड्डी गुट को इससे अलग रखने का निर्देश दे दिया. इसके साथ ही गतिविधियां प्रभावित हो गयी. मंत्री ने 20 सितंबर को यूनियन नेतआों से साथ बैठक नहीं की. उस दिन सेफ्टी बोर्ड की बैठक भी स्थगित हो गयी. सीआइएल प्रबंधन ने 22 सितंबर को बोनस के मुद्दे पर आयोजित बैठक स्थगित कर दी और सीआइएल चेयरमैन डॉ एस भट्टाचार्या विदेश दौरे पर चले गये. वे तीन अक्तूबर को देश लौटेंगे व चार अक्तूबर को संभवत: बोनस पर निर्णय होगा.
उन्होंने कहा कि हाइकोर्ट में निर्णय में कहा गया है कि इंटक को अलग रख कर वेतन समझौते की बात हो सकती है. यूनियनों के केंद्रीय नेता विचार कर रहे हैं. सहमति बनी तो इंटक के विवाद के निपटारे तक वार्ता जारी रखीा जा सकती है. संभावना है कि शीघ्र जेबीसीसीआइ के आधिकारिक गठन की घोषणा हो जाये.
श्री पांडेय ने कहा कि इसीएल प्रबंधन का रवैया श्रमिकतों की मांगों के प्रति उपेक्षापूर्ण है. ज्ञापन सौंपने के बाद भी वार्ता नहीं हो रही है.आगामी 27 सितंबर को इसीएल मुख्यालय पर कॉरपोरेट स्तरीय सभी द्विपक्षीय कमेटियों के यूनियन प्रतिनिधि संयुक्त रूप से धरना देंगे तथा आंगे के आंदोलन की रणनीति तय करेंगे. इसमें उन्होंने अन्य नेताओं से भी भागीदारी का आग्रह किया.
उन्होंने कहा कि कोल इंडिया में कोयला श्रमिकों के रिटायर होने के बाद ग्रेच्यूटी मद में दस लाख रुपये के भुगतान की सीलिंग है. इसे बढ़ा कर 20 लाख करने की मांग कई वर्षो से हो रही है. कोल इंडिया में इसे लागू नहीं किया गया लेकिन सरकारी कर्मियों के लिए इसे लागू कर दिया गया. उन्होंने सीआइएल में भी इसे लागू करने की मांग की.
अध्यक्षता यूनियन अध्यक्ष मुनाजिर हुसैन तथा संचालन शव-ए-आलम ने किया. अन्य वक्ताओं में उपाध्यक्ष पीसी पांडेय, प्रशांत डे, प्रफुल्ल चटर्जी, मुहम्मद मुख्तार आलम, चुन्नु तिवारी, प्रमोद गुप्ता, चक्रधर सिंह चंचल, सोहराब अली खान, आरपी मंडल, सब्बीर खान, धीरेन मन्ना, राजकुमार सिंह, उमेश मिश्र, हसीबुल रहमान, युगल पासवान, रामहरख हरिजन, रामाधार हरिजन, राजेश राय, रामजी मंडल, मुहम्मद जहुर, रामाकांत प्रसाद आदि शामिल थे.
बैठक में सर्वसम्मति से नागेश्वर मोदी, प्रशांत दे, रमनिया मंडल को केंद्रीय उपाध्यक्ष, शब-ए-आलम, उमेश मिश्र, राजेश राय, सोहराब अली को संगठन मंत्री तथा बसंत बनर्जी को कोषाध्यक्ष मनोनीत किया गया. सभी पदाधिकारियों ने अपने दायित्व निष्पादनन के प्रति निष्ठा जतायी.
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