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चैती महाछठ का नहाय खाय आज से, व्रतियों की कठिन परीक्षा

आसनसोल : लोक आस्था के महापर्व चैती छठ के अवसर पर इस वर्ष प्रकृति शायद व्रतियों के लिये अधिक कठिन परिस्थितियां उत्पन्न करने जा रही है. ध्यान रहें कि इस पर्व में व्रती को निजर्ला उपवास रहना पड़ता है. कार्तिक मास में पड़नेवाले छठ व्रत में तो मौसम ठंडा रहने के कारण व्रतियों को उतनी […]

आसनसोल : लोक आस्था के महापर्व चैती छठ के अवसर पर इस वर्ष प्रकृति शायद व्रतियों के लिये अधिक कठिन परिस्थितियां उत्पन्न करने जा रही है. ध्यान रहें कि इस पर्व में व्रती को निजर्ला उपवास रहना पड़ता है. कार्तिक मास में पड़नेवाले छठ व्रत में तो मौसम ठंडा रहने के कारण व्रतियों को उतनी परेशानी नहीं होती. परंतु चैती छठ में व्रतियों को धूप एवं गर्मी हर वर्ष परेशान करती है. इस वर्ष दिन का तापमान अभी से ही 42 डिग्री सेल्सियस का आंकड़ा पार कर चुका है और मौसम वैज्ञानियों की मानें तो इस वर्ष सूर्यदेव व्रतियों को और कठिन परीक्षा लेने जा रहे है. चार दिवसीय छठ व्रत इस वर्ष आगामी 10 अप्रैल को नहाय खाय के साथ आरंभ होकर 13 अप्रैल को उदीयमान सूर्य को अर्घ अर्पित करने के साथ संपन्न होगा.
मौसम विज्ञानियों की भविष्यवाणी अगर सही है तो अगले कुछ समय तक अभी बारिश की कोई उम्मीद नहीं है जिसके कारण आगामी 10 अप्रैल से 13 अप्रैल तक दिन का तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहनेवाला है.
आगामी दस दिन के लिये की गयी मौसम की भविष्यवाणी के अनुसार खरना (10 अप्रैल) को दिन का तापमान अधिकतम 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है. व्रत वाले दिन (संध्या अर्ध, 12 अप्रैल) को दिन का अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक रहने की उम्मीद है. इस प्रकार व्रत के तीनों दिन व्रतियों को सूर्य की प्रखंड गरमी का सामना करना पड़ेगा. जो उनके लिए कठिनाइयों का सबब बनेगा.
चैत्री छठ के विधान उसके प्रथम संयम नहाय खाय के साथ आरंभ होते है. जो आगामी रविवार (10अप्रैल) को ही होना चाहिए. वैसे तो वाराणसी एवं विश्व पंचांगों के अनुसार हालांकि उस दिन तृतीया तिथि क्रमश: प्रात: 09:42 व 07:26 बजे तक रहेगी. उसके बाद चतुर्थी तिथि आरंभ होगी. चतुर्थी तिथि 11 अप्रैल को क्रमश: प्रात: 07:33 एवं 02:52 बजे तक रहेगी. अब चूंकि छठ का पहला अनुष्ठान (खरना) हमेशा चैत्र शुक्ल पंचमी एवं विशेष रुप से प्रदोप व्यापिनी पंचमी तिथि में करना ही उत्तम माना जाता है.
यह सोमवार 11 अप्रैल को ही प्राप्त हो रहा है. क्योंकि उस दिन पंचमी का शुभारंभ क्रमश: प्रात: 7:34 एवं रात्रि 2:53 बजे से हो रहा है.
जो अगले दिन मंगलवार (12 अप्रैल को) प्रात: 4:02 एवं पूर्व रात्रि 12:25 बजे तक रहेगी. इस प्रकार प्रदोप व्यापिनी पंचमी तिथि सोमवार (11 अप्रैल) को ही प्राप्त हो रही है. इन कारणों से नहाय खाय (छठ का प्रथम संयम) 10 अप्रैल को ही करना होगा. इसके बाद व्रत का पहला अनुष्ठान सोमवार को और संध्या (अस्तगामी सूर्य को) अर्ध मंगलवार तथा प्रात: (उदीयमान सूर्य को) अर्ध बुधवार को दिया जायेगा. जिसके बाद व्रत का पालन होगा.

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