बर्नपुर. स्टील ऑथोरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के चालू वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में भारी घाटे को देखते हुए सेलकर्मियों की पावना छुट्टी (अर्जित अवकाश)के भुगतान पर रोक लगा दी है. इस आशय का निर्देश इस्को स्टील प्लांट में भी जारी कर दिया गया है.
प्रबंधन के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष 2015-16 की पहली छमाही में सेल प्रबंधन को 2597.56 करोड़ रुपये का घाटा लग चुका है. मौजूदा परिस्थिति में इसके और बढ़ने की संभावना है. इसके साथ ही सेल के कई प्लांटों में आधुनिकीकरण व विस्तारीकरण का कार्य चल रहा है.
इसके कारण आर्थिक बोझ बढ़ा है. स्थिति काफी नाजुक हो गयी है तथा वित्तीय खर्चे में कटौती अनिवार्य हो गयी है. इस स्थिति में कर्मियों की पावना छुट्टी के भुगतान पर रोक लगा दी गयी है. हालांकि इस निर्देश से शारीरिक अस्वस्थ, रिटायर्ड होनेवाले या फिर मृत कर्मियों को अलग रखा गया है. एबीके मेटल एंड इंजीनियरिंग वर्कर्स यूनियन (सीटू) के महासचिव तरूणकांत भट्टाचार्य ने बताया कि मजदूर प्रति महीने पावना छुट्टी के बदले नगदी ले लेते थे. इस भुगतान पर नवंबर माह से रोक लगा दी गयी है.
छुट्टी का कैसमेंट बंद किया गया है. इससे कर्मचारियों के अधिकारों में कटौती हुयी है. ऑयरन स्टील एंड इंजीनियरिंग वर्कर्स यूनियन (एचएमएस) के महासचिव मुमताज अहमद ने बताया कि हर महीने की पहली से सातवी तारीख तक प्रत्येक महीने की पावना छुट्टी के बदले मजदूर नगदी प्राप्त करता था.180 दिनो से ज्यादा होने पर छुट्टी बेच दी जाती थी. मेडिकल अनफिट,रिटायर्ड कर्मियों के लिए यह सुविधा उपलब्ध है. बर्नपुर इस्पात कर्मचारी संघ (बीएमएस) के महा सचिव रवि शंकर सिह ने कहा कि महीने के बीस दिनो में एक पावना छुट्टी मिलती है. साल में दस दिन अतिरिक्त प्रबंधन की ओर से दिया जाता है.
बारह महीने पावना छुट्टी बचाने से नगदी आय हो जाती है. इसके बंद होने से अब छुट्टी बेकार हो जायेगी. सनद रह ेकि घाटा के नाम पर ही सेल प्रबंधन ने इस वर्ष दुर्गापूजा से पूर्व बोनस का भुगतान नहीं किया था.