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गोमो-बर्दवान मेमू में हो शौचालय
तृणमूल सांसद डॉ ममताज संघमिता ने लोकसभा में उठाया मामला आसनसोल : बर्दवान-दुर्गापुर की सांसद डॉ ममताज संघमिता ने लोकसभा में पेश रेल बजट पर चल रही चर्चा में गोमो-बर्दवान मेमू तथा बर्दवान -पुरुलिया मेमू का मामला उठाया तथा इन ट्रेनों में शौचालय की व्यवस्था करने की मांग की. डॉ संघमिता ने कहा कि गोमो-वर्दवान […]
तृणमूल सांसद डॉ ममताज संघमिता ने लोकसभा में उठाया मामला
आसनसोल : बर्दवान-दुर्गापुर की सांसद डॉ ममताज संघमिता ने लोकसभा में पेश रेल बजट पर चल रही चर्चा में गोमो-बर्दवान मेमू तथा बर्दवान -पुरुलिया मेमू का मामला उठाया तथा इन ट्रेनों में शौचालय की व्यवस्था करने की मांग की.
डॉ संघमिता ने कहा कि गोमो-वर्दवान मेमू तथा पुरुलिया-बर्दवान मेमू ट्रेनों को लंबी दरी तय करनी पड़ती है. इसमें साढ़े पांच घंटों से अधिक का समय लगता है.
लेकिन इन दोनों मेमू ट्रेनों में शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है. इसके कारण यात्रियों को काफी परेशानी होती है. खासकर युवतियों व महिलाओं को काफी पीड़ा भोगनी पड़ती है. उन्होंने रेल मंत्री से इस दिशा में सार्थक पहल करने की मांग की. उन्होंने कहा कि बर्दवान-हावड़ा लोकल ट्रेनों की महिला डिब्बों में महिला यात्रियों की सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है. खासकर संध्या के बाद महिला यात्री पूर्ण रुप से असुरक्षित हो जाती है.
इस दिशा में रेल प्रशासन को पहल करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इन डिब्बों में सफर करनेवाली महिला यात्रियों को कभी-कभार अवैध हॉकर भी काफी परेशान करते हैं. उन्होंने बर्दवान स्टेशन परिसर में कटवा रेल लाइन पर ओवरब्रिज बनाने की मांग की. उन्होंने कहा कि रेल फाटक बंद रहने से सड़क के यात्रियों को काफी परेशानी होती है. बर्दवान शहर के बीचो-बीच ऐतिहासिक जीटी रोड गुजरता है तथा रेल स्टेशन के कारण सड़क काफी संकरी हो गयी है. इस दिशा में भी पहल होनी चाहिए.
इधर रेल के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गोमो और बर्दवान के बीच कोई सीधी मेमू सेवा नहीं है. इस कारण साढ़े पांच घंटों तक लगातार यात्र का सवाल नहीं है. गोमो-आसनसोल तथा आसनसोल-बर्दवान के बीच अलग-अलग मेमू ट्रेन चलती है. उन्होंने कहा कि संभव है कि गोमो-आसनसोल मेमू का रैक ही आसनसोल-बर्दवान मेमू के रूप में उपयोग होता हो.
इसी तरह बबर्दवान-आसनसोल मेमू रैक का उपयोग आसनसोल-गोमो मेमू में होता है. उन्होंने कहा कि यही स्थिति पुरुलिया-बर्दवान के बीच मेमू सेवा की है. पुरुलिया-आसनसोल मेमू तथा आसनसोल-बर्दवान मेमू ट्रेन सेवा संचालित होती है. इनमें भी एक ही रैक का उपयोग होता है. उन्होंने कहा कि देश के अन्य क्षेत्रों में भी इस तरह का समायोजन होता है. रैक की कमी होने के कारण उनका अधिकतम उपयोग करना पड़ता है.
दूसरी ओर महिला यात्रियों का कहना है कि दो ट्रेनों में बांटने का रेलवे का तकनीकी मामला है. लेकिन यात्री गोमो में जिस ट्रेन में सवार होते हैं, वहीं ट्रेन बर्दवान तक जाती है. इसी तरह एक ही ट्रेन बर्दवान से पुरुलिया तक जाती है. शौचालय तथा पानी की व्यवस्था नहीं रहने के कारण काफी परेशानी होती है.
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