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पानागढ़ : सेना में भर्ती के नाम पर ठगी करनेवाले गिरोह का पर्दाफाश

मुकेश तिवारी, पानागढ़ : पानागढ़ मिलिटरी इंटेलिजेंस और कांकसा थाना पुलिस ने सेना में भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों में एक पूर्व सीआरपीएफ जवान भी शामिल है. जानकारी के अनुसार, आरोपी बिहार के तीन युवकों को पानागढ़ मिलिटरी बेस में सेना […]

मुकेश तिवारी, पानागढ़ : पानागढ़ मिलिटरी इंटेलिजेंस और कांकसा थाना पुलिस ने सेना में भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों में एक पूर्व सीआरपीएफ जवान भी शामिल है. जानकारी के अनुसार, आरोपी बिहार के तीन युवकों को पानागढ़ मिलिटरी बेस में सेना में भर्ती कराने के लिए आये थे.

पानागढ़ मिलिटरी इंटेलिजेंस और कांकसा थाना पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर पानागढ़ बाजार दार्जिलिंग मोड़ के एक होटल से तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया. आरोपी झारखंड के रहने वाले हैं.
इनकी पहचान प्रकाश कुमार पंडित (27) पुत्र जनेश्वर प्रजापति वार्ड 6, गांव जाता, कल्याणपुर, थाना गढ़वा ( झारखंड), गौतम कुमार महतो (27) पुत्र रामधन महतो 19 कुंदरा थाना सिंदरी, जिला धनबाद (झारखंड) और पूर्व सीआइएसएफ जवान प्रदीप कुमार महलिंग कुसानले (36) उर्फ प्रदीप हांसदा पुत्र महलिंग कुसानले खेमालन थाना पुरची,जिला बेलगाम, कर्नाटक (आंध्र प्रदेश) के रूप में हुई है. फिलहाल प्रदीप तेलीपाड़ा हीरापुर धनबाद (झारखंड) रह रहा था.
पुलिस ने आरोपियों के पास से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और सीआरपीएफ स्टीकर लगी एक कार जब्त की है. आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.
पुलिस ने बताया कि आरोपियों के पास से कई दस्तावेज बरामद किये गये हैं. पानागढ़ मिलिटरी इंटेलिजेंस ब्यूरो के सदस्यों ने दस्तावेजों की जांच पड़ताल के बाद बताया कि सेना में ऐसी कोई भर्ती नहीं थी. वे लोग बिहार के तीन युवकों को झांसा देकर पानागढ़ लाये थे.
प्रत्येक युवक से भर्ती के लिए चार-चार लाख रुपये की मांग की गयी थी. इस गिरोह का सरगना प्रदीप कुमार बताया जा रहा है, जो पहले सीआइएसएफ का जवान था. बताया जाता है कि प्रदीप ने ही गौतम तथा प्रकाश पंडित के साथ मिलकर इस तरह का फर्जीवाड़ा का काम शुरू किया.
पुलिस ने बताया कि प्रदीप अपना पता व नाम बदलकर झारखंड में रह रहा था. प्रदीप वर्ष 2009 में सीआइएसएफ में भर्ती हुआ था. किसी कारण से वर्ष 2014 में उसने नौकरी छोड़ दी थी. गौरतलब है कि इसी वर्ष 31 अगस्त को पानागढ़ मिलिटरी इंटेलिजेंस के अधिकारियों ने बुदबुद पुलिस के साथ संयुक्त अभियान चलाकर नौकरी दिलाने के नाम पर कोलकाता के तीन फर्जी आर्मी ऑफिसरों को गिरफ्तार किया था.
वहीं 29 सितंबर को स्वयं को नेवी का ऑफिसर बताकर शोरूम से नेवी का फर्जी दस्तावेज देकर फाइनेंस करा कर वाहनों को खरीदने के मामले में हुगली के एक आरोपी को पानागढ़ मिलिटरी इंटेलिजेंस के अधिकारियों ने कांकसा पुलिस के साथ अभियान चलाकर गिरफ्तार किया था. कांकसा थाना प्रभारी अर्नव गुहा ने बताया कि इस घटना में शामिल अन्य लोगों को भी तलाश कर उन्हें गिरफ्तार किया जायेगा.
पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने पीड़ित युवकों से तत्काल दो-दो लाख रुपये की मांग की थी. इससे युवकों को उन पर संदेह हुआ तथा युवकों ने कांकसा थाना को मामले से अवगत कराया. इसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. सभी आरोपियों को बुधवार को दुर्गापुर महकमा कोर्ट पेश किया गया. अदालत ने उन्हें पुलिस हिरासत में भेजने का निर्देश दिया.

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