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सीआइएल की सभी अनुषांगिक कंपनियों में बीएमएस का आंदोलन, कोयले का डिस्पैच बाधित होगा आज

आसनसोल : चार अक्तूबर को भारतीय मजदूर संघ ने कोल इंडिया का कोयला डिस्पैच ठप करने का एलान किया है. इस आंदोलन की सफलता से बीएमएस की दशा-दिशा तय होगी. दूसरे मजदूर संगठनों-एटक, एचएमएस, सीटू तथा इंटक के इस आंदोलन से दूर रहने से आंदोलन की सफलता संदिग्ध है. हालांकि इंटक अभी कोल इंडिया की […]

आसनसोल : चार अक्तूबर को भारतीय मजदूर संघ ने कोल इंडिया का कोयला डिस्पैच ठप करने का एलान किया है. इस आंदोलन की सफलता से बीएमएस की दशा-दिशा तय होगी. दूसरे मजदूर संगठनों-एटक, एचएमएस, सीटू तथा इंटक के इस आंदोलन से दूर रहने से आंदोलन की सफलता संदिग्ध है. हालांकि इंटक अभी कोल इंडिया की सभी कमेटियों से बाहर हैं, लेकिन इंटक का कोल कर्मियों पर काफी असर हैं.
वर्चस्व को लेकर रणनीतिक हिस्सा
बीएमएस के इस आंदोलन के पीछे कोयला मंत्रालय व कोल इंडिया प्रबंधन पर दबाव बनाना भी एक उद्देश्य हो सकता है, जिस तरह जेबीसीसीआई स्टैंडर्डाइजेशन कमेटी का पुनर्गठन कर बीएमएस व एचएमएस को दो-दो सीट देने थथा एटक व सीटू को एक-एक सीट कराने की रणनीति में बीएमएस सफल रहा है. उसी तरह संभवत: बीएमएस की मंशा कोल इंडिया की अन्य सभी कमेटियों में भी अपनी सीटें बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा हो.
नेशनल स्टैंडिंग कमेटी ऑफ सेफ्टी की बैठकों में बीएमएस का ओर से अक्सर दो-दो सदस्य शिरकत करते रहे हैं. बीते 27 सितंबर को एपेक्स जेसीसी की बैठक का जिस तरह बीएमएस नेता डॉ बीके राय बॉयकट कर गये, उससे अन्य यूनियन प्रतिनिधि खासे नाराज हैं. खासकर एचएमएस, एटक तथा सीटू इस हरकत को सोची-समझी राजनीति का हिस्सा मान रही हैं.
स्टैंडर्डाइजेशन कमेटी ही क्यों
27 सितंबर को बोनस की बैठक का बहिष्कार करनेवाले बीएमएस का कहना है कि कोल कर्मियों के बोनस का फैसला जेबीसीसीआई स्टैंडर्डाइजेशन कमेटी की बैठक में होना चाहिए. संघ के दबाब के बाद ही प्रबंधन ने बोनस पर विचार के लिए पांच अक्तूबर को जेबीसीसीआई स्टैंडर्डाइजेशन कमेटी की बैठक बुलाई है.
हालांकि आठवां वेतन समझौता के समय जेबीसीसीआइ की बैठक में बोनस का फैसला हुआ था. इसके बाद कोयला मंत्रालय के एडमिशन सेक्रेटरी एके दूबे के कार्यकाल में एपेक्स कमेटी की बैठक में बोनस का फैसला लिया गया था. पिछले वर्ष भी बोनस का फैसला एपेक्स जेसीसी की बैठक में लिया गया था.

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