वर्त्तमान में सीएमपीएफ के नागपुर स्थित कार्यालय में हैं पदास्थापित
Advertisement
सीएमपीएफओ के संयुक्त आयुक्त यूपी कमल पर मेजर पेनाल्टी की अनुशंसा
वर्त्तमान में सीएमपीएफ के नागपुर स्थित कार्यालय में हैं पदास्थापित विजिलेंस रिपोर्ठ के आधार पर सीवीसी ने मांगी है मंत्रलय से रिपोर्ट आसनसोल : कोयला खदान भविष्य निधि संगठन (सीएमपीएफओ) के इकलौते संयुक्त आयुक्त यूपी कमल पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की पुष्टि करते हुए केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने मेजर पेनाल्टी की अनुशंसा की […]
विजिलेंस रिपोर्ठ के आधार पर सीवीसी ने मांगी है मंत्रलय से रिपोर्ट
आसनसोल : कोयला खदान भविष्य निधि संगठन (सीएमपीएफओ) के इकलौते संयुक्त आयुक्त यूपी कमल पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की पुष्टि करते हुए केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने मेजर पेनाल्टी की अनुशंसा की है. इस संबंध में कोयला मंत्रलय तथा सीएमपीएफओ को लिखे पत्रमें सीवीसी ने कहा है कि यदि कमल पर वित्तीय लाभ लेने का संदेह बनता है तो सूचित करें, ताकि आपराधिक जांच शुरू की जा सके. यह जानकारी मंत्रलय से जुड़े आधिकारिक सूत्रों ने दी.
फिलहाल श्री कमल सीएमपीएफ के नागपुर स्थित कार्यालय में पदास्थापित हैं.
इसके पहले सीबीआई की अनुशंसा पर वर्ष 2015 में मेजर पेनाल्टी के तहत कमल का दो इंक्रीमेंट घटाया जा चुका है. सीवीसी ने यह कार्रवाई सीएमपीएफओ विजिलेंस की रिपोर्ट पर की है. इस बारे मेंसीएमपीएफ के प्रभारी आयुक्त अनिमेष भारती से संपर्क नहीं होने के कारण उनका पक्ष नहीं लिया जा सका है.
क्या है पूरा मामला
सीएमपीएफ में कम्प्यूटर सिस्टम का काम करनेवाली कंपनी एसएपी (सैप) ने काम छोड़ दिया. कुछ समय बाद सैप को फिर से काम देने का फैसला हुआ. पर कमल ने रेलटेल कंपनी को यह कहते हुए कार्य आवंटित कर दिया कि रेलटेल सैप की भागीदार कंपनी है. सीएमपीएफ ट्रस्टी बोर्ड को भीयह कह कर गुमराह किया गया.
बाद में सैप कंपनी ने पत्र लिख कर बताया कि रेलटेल कंपनी से उसका कोई संबंध नहीं है. इसके बाद 28 फरवरी, 2017 को सीएमपीएफ ट्रस्टी बोर्ड ने बैठक में अध्यक्ष सह कोयला सचिव ने ट्रस्टी बोर्ड को गुमराह करने के मामले की जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दिया. इस आलोक में आयुक्त ने तीन एरिया आयुक्तों की जांच टीम का गठन किया.
जांच टीम ने अपनी जांच में कमल को दोषी पाया. जांच टीम की रिपोर्ट को आयुक्त ने 25 अप्रैल, 2017 को सीएमपीएफ के विजिलेंस अधिकारी को प्रेषित कर दिया. विजिलेंस अधिकारी ने जांच रिपोर्ट सीवीसी को भेज दी. कमल पर इसके साथ ही मेसर्स ओमनी इंफोवर्ड को अवैध तरीके से भुगतान करने, कम्प्यूटर खरीदने, ट्रॉली बैग खरीदने तथा कार्यालय मरम्मत कराने के मामले में भी सीवीसी ने दोषी पाया है. उन्होंने वर्ष 2015-16 में सरकारी वित्तीय नियम का उल्लंघन करते हुए 34.30 लाख रूपये की ट्रॉली बैग खरीदा था. इस मामले में गठित की गयी कमेटी की अनुश्ंसाओं का उल्लंगन करते हउए ट्रॉली बैग की खरीदारी की गयी थी. सरकारी वित्तीय नियमों का उल्लंघन कार्यालय के रिपेयरिंग में भी करने का आरोप था.
चर्चित अधिकारी रहे हैं यूपी कमल
संयुक्त आयुक्त श्री कमल जब रीजनल आयुक्त के पद पर रांची में पदास्थापित थे, तब सीबीआई की चपेट में आये थे. रिपोर्ट के मुताबिक सीसीएल में कार्यरत एक ट्रांसपोर्ट कंपनी ने अपने कर्मियों का अंशदान सीएमपीएफ में जमा किये बगैर अपने बिल का भुगतान कराना चाहा. तब सीसीएल प्रबंधन ने उक्त कंपनी से सीएमपीएफ से एनओसी लाने को कहा. श्री कमल ने ट्रांसपोर्ट कंपनी द्वारा पैसा जमा नहीं किये जाने के बाद भी एनओसी जारी कर दिया था. बाद में इसकी शिकायत होने पर विभागीय जांच हुयी. विभागीय जांच रिपोर्ट के बाद सीबीआई ने जांच शुरू की. इसमें श्री कमल दोषी पाये गये.
सीबीआई ने मंत्रलय से कार्रवाई की अनुशंसा की. मंत्रलय ने मेजर पेनाल्टी के तहत दो इंक्रीमेंट रिडय़ूस कर दिये. इधर नौ जून, 2017 को आयुक्त बीके पांडा के तबादले के बाद प्रभाकरी आयुक्त बने अनिमेष भारती ने नौ जून को ही प्रभार लेते ही यूपी कमल को नागपुर से धनबाद मुख्यालय तबादला करते हुए आदेश जारी कर दिया. इसके बाद प्रभार लेने आये भारती ने जिला प्रशासन के सहयोग से प्रभार लिया. काफी हंगामे के बाद अंतत: कमल का तबादला फिर से नागपुर कर दिया गया.
15 को ट्रस्टी बोर्ड की होगी बैठक
आगामी 15 मार्च को ट्रस्टी बोर्ड की बैठक होने की संभावना है. ट्रस्टी बोर्ड में शामिल यूनियन प्रतिनिधियों की मानें तो बैठक में यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया जायेगा. बोर्ड के सदस्य सह एटक के अध्यक्ष रमेन्द्र कुमार ने कहा कि पीएम के इस नारे का कि ‘न खाउंगा, न खाने दूंगा’ की पोल खुल गयी है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement