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हाइकोर्ट ने सुनवाई के बाद निर्णय रखा सुरक्षित

कार्यवाही. रंगदारी के मामले में कोर्ट की शरण में पहुंचा आरोपी कृष्णेन्दू मुखर्जी कृष्णोन्दू मुखर्जी और पुलिस के बात शह और मात का खेल चरम पर पहुंचता जा रहा है. कृष्णोन्दू ने अग्रिम जमानत के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की. उस पर सुनवायी हुयी. संभावना है कि कई शत्तरे के साथ उसे अग्रिम […]

कार्यवाही. रंगदारी के मामले में कोर्ट की शरण में पहुंचा आरोपी कृष्णेन्दू मुखर्जी

कृष्णोन्दू मुखर्जी और पुलिस के बात शह और मात का खेल चरम पर पहुंचता जा रहा है. कृष्णोन्दू ने अग्रिम जमानत के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की. उस पर सुनवायी हुयी. संभावना है कि कई शत्तरे के साथ उसे अग्रिम जमानत मिंल भी जाये. लेकिन पुलिस ने दूसरी प्राथमिकी तैयार कर ली.
आसनसोल : सेल आईएसपी में रंगदारी से जुड़े मामले में दर्ज हीरापुर थाना कांड संख्या 362/17 में मुख्य आरोपी कृष्णोन्दू मुखर्जी की अग्रिम जमानत के लिए उच्च न्यायालय में दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुयी. उच्च न्यायालय के डिवीजन बेंच के न्यायाधीश जयमाल्या बागची और न्यायाधीश राजश्री भारद्वाज की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की और फैसला सुरक्षित रखा. कृष्णोन्दू के पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय के वकील प्रदीप घोष के साथ उच्च न्यायालय के वकील शिलादित्य सान्याल और पुलिस के पक्ष से राज्य के वकील शैबाल बापाली के बीच 25 मिनट तक इस मामले पर बहस हुयी. इधर कृष्णोन्दू के खिलाफ रिभू बोस की एक अन्य शिकायत पर हीरापुर थाना में मंगलवार को गैर जमानती धारा के तहत दूसरा मामला दर्ज हो गया. पहले मामले में यदि उच्च न्यायालय से कृष्णोन्दू को जमानत मिल भी जाती है तो पुलिस उसे दूसरे मामले में गिरफ्तारी हो सकती है.
क्या है मामला :सेल आईएसपी बर्नपुर में स्क्र ैप के लिफ्टर न्यू रोड बर्नपुर निवासी रिभू बोस ने हीरापुर थाने में शिकायत दर्ज कराई की कृष्णोन्दू मुखर्जी, हरि यादव, कौशिक गुप्ता अपने 10-12 सहयोगियों को लेकर उनके न्यू टाउन आवास पर आये और पिस्टल सटाकर धमकी दी. लिफ्टिंग के लिए प्रति माह दो लाख रंगदारी टैक्स मांगी. शिकायत पर पुलिस ने अपने स्तर से जांच कर गंभीर तथ्य प्राप्त किया एवं हीरापुर थाना के अवर निरीक्षक शिलादित्य बनर्जी ने उक्त तीनों को नामजद करने के साथ अन्य 12 को आरोपी बनाकर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी. आईपीसी की धारा 384/385/386/387/120बी 506 तथा 25/27/ 35 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ. बाद में उसका चचेरा भाई सोमनाथ ऊर्फ बुबुन और सहयोगी आशुतोष दास की गिरफ्तारी हुई. गिरफ्तारी से बचने के लिए कृष्णोन्दू ने उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत की अपील की. जिसपर मंगलवार को सुनवाई हुई.
बढ़ रही कृष्णोन्दू की मुश्किलें : कृष्णोन्दू मुखर्जी अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए जितना प्रयास कर रहा है, उसकी मुश्किलें उतनी ही बढ़ रही है. हीरापुर थाना कांड संख्या 362/17 में अग्रिम जमानत के लिए उच्च न्यायालय में अपील की. इधर हीरापुर थाना में उसके खिलाफ गैर जमानती धारा के तहत एक नया मामला दर्ज हो गया. यदि पहले मामले में जमानत मिल भी जाती है तो नये मामले में गिरफ्तारी का खतरा बना रहेगा. उसका चचेरे भाई बुबुन के खिलाफ एक के बाद एक नये मामले दर्ज हो रहे है.
हीरापुर थाना में गैर जमानती धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज
पहले मामले में जमानत मिलने के बाद भी बनी रहेगी गिरफ्तारी की स्थिति
बुबुन नहीं आ सका दुर्गापुर कोर्ट में
अंडाल थाना कांड संख्या 299/17, आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार तथा 10 दिन की पुलिस रिमांड की अवधि आठ जनवरी को समाप्त होने के उपरांत पुलिस उसे अदालत में पेश कर पुन: रिमांड पर लेने की तैयारी में थी. इसी बीच उसकी तबीयत खराब हो जाने के कारण अदालत की अनुमति से उसे दुर्गापुर महकमा अदालत में दाखिल कराया गया है. मंगलवार को भी उसकी तबीयत ठीक न होने के कारण उसे अदालत में पेश नहीं किया जा सका. पुलिस उसके स्वस्थ्य होते ही अदालत में पेश कर पुन: सात दिन की रिमांड के लिए अपील करेगी.

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