घी में मिलावट के नाम पर कथित पुलिसकर्मियों ने की एक लाख की वसूली
आसनसोल : नकली पुलिस अधिकारी बन कर आसनसोल बाजार सरकारी कुआं निवासी ओम प्रकाश साव से एक लाख की वसूली सात-आठ युवकों ने की. इसके लिए योजना के अनुसार गिरोह में शामिल पड़ोसी युवक मनोज शर्मा को मध्यस्थ बनाया गया. सोमवार की दोपहर मनोज शर्मा को आसनसोल बाजार बेकर अली लेन के पास सोमवार की दोपहर स्थानीय लोगों ने बंधक बना लिया. वे वसूली गयी राशि की वापसी की मांग कर रहे थे. मनोज आसनसोल कमला भवन के पास रहता है और बाजार में खिलौने की दुकान का मालिक है.
आक्रोशित लोगों ने उसके भाई सुधीर शर्मा की पिटाई कर दी. आसनसोल साउथ थाना के अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मनोज ने राशि वापसी का आश्वासन दिया. इसके बाद उसे मुक्त किया गया. हालांकि मनोज तथा उसके सहयोगियों के खिलाफ आसनसोल साउथ थाने में ओमप्रकाश ने रंगदारी की शिकायत दर्ज करायी है.
पीड़ित ओम प्रकाश ने कहा कि रविवार की रात नौ बजे सात आठ लोग उसके आवास पहुंचे और खुद को पुलिसकर्मी बता उनसे उनके काम के बारे में पूछताछ करने लगे. उन्होंने आरोप लगाया कि वह घी में पाम का तेल और डालडा मिलाकर बेचता हैं. उन लोगों ने नकली घी बनाने के जुर्म में घर का सामान जब्त करने और सजा दिलाने की धमकी दी. मामले को रफा-दफा करने के लिए दो लाख रूपये की मांग की. जब उसने दो लाख रूपये देने में असमर्थता जतायी तो उन्होंने मनोज शर्मा को बुलाकर मामले को निपटारा करने को कहा. उसने किसी तरह एक लाख रूपये मनोज शर्मा को सौंप दिये.
उसके पुत्र राजन ने कहा कि उसके घर लौटने पर उसे तथा उनके दो लोगों को घर के बाहर ही रोक रखा गया.
उन लोगों के जाने के बाद पूरी बात की जामकारी मिली. सुबह परिजनों तथा दुकानदारों की मदद से मनोज को पकड़ा गया. उन्होंने वसूली में शामिल लोगों के नामों का खुलासा करने और रूपये वापस करने की मांग की. पहले इंकार करने के बाद मनोज से स्वीकार किया कि वह वसूली करनेवालों को पहचानता है. उसके बुलाने पर भी कोई घटनास्थल पर नहीं आया. घटनास्थल पर स्थानीय पार्षद उमा सर्राफ, विमल जालान, बेकर अली लेन के स्थानीय दुकानदार और आरोपी के बड़े भाई सुधीर शर्मा भी पहुंचे.
सुधीर ने लोगों से कहा उसका भाई घटना में शामिल नहीं है. परंतु पीडित द्वारा पूरी बात बताये जाने के बाद भी वह अपनी बात पर अड़ा रहा. आक्रोशित भीड़ ने सुधीर की जमकर पिटाई कर दी. वहां मौजूद दुकानदारों ने सुधीर को भीड़ से बचाया. मनोज लोगों से उसे थाना जाने देने की बात कह रहा था. परंतु भीड़ उसके सहयोगियों को घटनास्थल पर बुलाने और रूपये वापस किये बिना उसे छोड़ने को तैयार नहीं थी.
पार्षद सुश्री सर्राफ पीड़ित ओमप्रकाश और सुधीर को लेकर आसनसोल साउथ थाना पहुंची. जहां डयूटी आफिसर के सामने सुधीर ने पीड़ित को एक लाख रूपये वापस किये जाने का आश्वासन दिया.
पार्षद सुश्री सर्राफ ने फोन कर बाजार में बंधक बनाये दुकानदारों से पीड़ित को रूपये दिये जाने की सूचना दी. इसके बाद मनोज को छोड़ा गया. इस संदर्भ में प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी गयी है. पार्षद सुश्री सर्राफ ने कहा कि घटना की सूचना मिलने के बाद वह घटनास्थल पर पहुंची.