पारेख ने बैंकों के संघ से 2,672 करोड़ रुपये का कुल कर्ज लिया था और एसबीआइ के नेतृत्ववाले संघ को 2,223 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. एजेंसी ने 12 जुलाई, 2016 को उसके खिलाफ मामला दर्ज किया था, लेकिन वह जांच में कभी शामिल नहीं हुआ.
सीबीआइ प्रवक्ता आर के गौर ने कहा, ‘बैंकों को 2223.13 करोड़ रुपये का कथित नुकसान हुआ. आरोप था कि आरोपी ने पैसों को हेरफेर करके, हांगकांग, सिंगापुर, यूएइ आदि में बनायी गयी मुखौटा कंपनियों को बेइमानी से भेजकर बैंकों के साथ धोखाधड़ी की.’