इनके पास से चीते का चमड़ा बरामद किया गया है. इसके अलावा जानवरों की कई हड्डियां भी बरामद की गयी हैं. माना जा रहा है कि गेंडे की हत्या कर सींग निकालने के मामले में भी इन सभी का हाथ हो सकता है. इनमें से कई आरोपी असम तथा भूटान के रहने वाले हैं. गणाइथी मोसाहारी (23), जहांनुद्दीन एस (35) असम के कोकराझार का रहने वाला है, जबकि हरेन मोसाहारी (62) अलीपुरद्वार के कुमारग्राम तथा श्यांग नामगे (60) भूटान का रहने वाला है. जोन एक्का (52) तथा सारवल उरांव (40) व टेंडा उरांव (60) माल बाजार के ललसी लीवर चाय बागान के रहने वाले हैं.
उत्तर बंगाल वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य वनपाल एमआर बालोच ने बताया है कि लगातार तीन दिनों तक यह अभियान चलाकर इन सभी को पकड़ा गया है. गोरूमारा में जो गेंडे मिले थे, उनके शिकार में भी इन सभी का हाथ होने की संभावना है. पिछले दिनों जॉन एक्का नामक एक कुख्यात वन्य जीव तस्कर को गिरफ्तार किया गया था. उसी से पूछताछ के बाद इन सभी के बारे में जानकारी मिली. उसके बाद अभियान चलाकर सभी को पकड़ा गया.
एसएसबी ने यह कार्रवाई बागडोगरा-गोसाइपुर एनएच-31 पर की. सोमवार को दिन के करीब 11 बजे आरोपी को पकड़ा गया और जब उसकी तलाशी ली गयी तो अष्टधातु की दो मूर्तियां उसके पास से बरामद की गयीं. इन मूर्तियों को जांच के लिए उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय भेजा गया. वहां इस मूर्ति के ऐतिहासिक होने की पुष्टि की गयी. जब्त मूर्तियों की कीमत करीब 35 करोड़ रुपये है. एसएसबी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन मूर्तियों को भी नेपाल भेजने की योजना थी. इससे पहले ही तस्कर को दबोच लिया गया. आवश्यक कानूनी दस्तावेज तैयार करने के बाद आरोपी को अदालत में पेश किया गया है.