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गोरूमारा जंगल में दो गैंडों की हत्या

जलपाईगुड़ी. जलपाईगुड़ी के गोरूमारा राष्ट्रीय उद्यान में दो गैंडे के कंकाल बरामद हुए हैं. वन विभाग ने मिट्टी के नीचे दबे कंकाल को बरामद किया है. दोनों ही कंकाल से सींग नदारद थे. माना जा रहा है कि शिकारी गैंडे की हत्या कर सींग ले गये होंगे और बाद में गैंडे के शव को मिट्टी […]

जलपाईगुड़ी. जलपाईगुड़ी के गोरूमारा राष्ट्रीय उद्यान में दो गैंडे के कंकाल बरामद हुए हैं. वन विभाग ने मिट्टी के नीचे दबे कंकाल को बरामद किया है. दोनों ही कंकाल से सींग नदारद थे. माना जा रहा है कि शिकारी गैंडे की हत्या कर सींग ले गये होंगे और बाद में गैंडे के शव को मिट्टी के नीचे दबा दिया गया होगा.

वन विभाग सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक कंकाल नर तथा दूसरा कंकाल मादा गैंडा के होने की संभावना है. हालांकि फॉरेंसिक जांच के बाद ही सही तथ्यों का पता चल सकेगा. असम के वन्य प्राणी विभाग ने यहां के वन्य प्राणी विभाग को कुछ तथ्य दिये थे. उसी तथ्य के आधार पर गोरूमारा राष्ट्रीय उद्यान के गराती इलाके में खुदाई की गयी और गैंडे के कंकाल को बरामद किया गया. वन विभाग का मानना है कि इसमें अंतरराज्यीय वन्य जीव तस्कर गिरोह के शिकारियों का हाथ हो सकता है. वन विभाग के कई कर्मचारी तथा अधिकारी भी विभाग के निशाने पर हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वन कर्मियों की लापरवाही से ही इतनी बड़ी घटना हुई है. दोषी कर्मचारियों तथा अधिकारियों के खिलाफ वन विभाग द्वारा कार्रवाई किये जाने की संभावना है.

इधर, असम वन्य प्राणी विभाग के पास डुवार्स तथा पूर्वोत्तर के जंगलों में सक्रिय कई शिकारियों के नाम का पता चला. उसके बाद कुछ शिकारियों की गिरफ्तारी भी हुई. इन्हीं लोगों से पूछताछ के बाद पता चला कि राइफल से दो गैंडें की हत्या की गई है और शव को मिट्टी में गाड़ दिया गया है. असम वन विभाग ने तत्काल इसकी जानकारी राज्य वन विभाग को दी. यह जानकारी मिलते ही कोलकाता में वन विभाग के कार्यालय में हड़कंप मच गया. बुधवार को इसकी सूचना कोलकाता को दी गयी.
उसके बाद मुख्य वन पाल प्रदीप बोस गुरुवार को ही विमान से जलपाईगुड़ी आ गये. शुक्रवार को मिले तथ्यों के आधार पर उन्होंने गराती इलाके में खुदाई करवायी. एक पर एक दो गैंडे के कंकाल बरामद हुए हैं. दोनों में से किसी के सिर पर सींग नहीं है. गोरूमारा राष्ट्रीय उद्यान में दो गैंडें की हत्या से वन विभाग की भी नींद उड़ी हुई है. वन विभाग द्वारा मामले की जांच शुरू कर दी गयी है. हालांकि कोई भी अधिकारी इस संबंध में मीडिया से बात करने के लिए तैयार नहीं है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों गैंडों की हत्या करीब डेढ़ महीने पहले की गयी है. यहां उल्लेखनीय है कि गोरूमारा राष्ट्रीय उद्यान में पिछले कई सालों से तस्कर शिकारियों का दबदबा खत्म हो गया था. दो साल पहले धूपजोरा बीट में एक गैंडे की हत्या हुई थी. उसके बाद गैंडे की हत्या की यह दूसरी घटना है.

इस मामले के सामने आने के बाद वन विभाग के अधिकारियों के साथ ही पर्यावरण प्रेमी भी चिंतित हैं. सबसे बड़ा सवाल यह है कि फरवरी के अंत में दोनों गैंडे की हत्या हुई होगी. ऐसे में वन विभाग को इसकी जानकारी अब तक क्यों नहीं मिली. शुक्रवार को घटनास्थल पर वन विभाग के साथ पुलिस की टीम भी जांच के लिए पहुंची. सुबह से ही गोरूमारा संलग्न राष्ट्रीय राजमार्ग एवं वनबस्तियों में तलाशी शुरू कर दी गयी है. पुलिस के कुत्ते को भी काम पर लगाया गया है. इसके अलावा पालतू हाथी की मदद से भी जंगल की तलाशी की जा रही है. वन विभाग तथा पुलिस ने इस काम के लिए एक स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप भी बनाया है. पूछताछ के लिए पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है. वन विभाग सूत्रों का कहना है कि बगैर स्थानीय मदद से तस्कर यहां गैंडे को नहीं मार सकते.

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