सूत्रों के मुताबिक महिला ने सिंथी थाने में छेड़खानी को लेकर कोई एफआइआर पुलिस ने दर्ज नहीं किया था. सिर्फ एक जनरल डायरी दर्ज की गयी थी. लिहाजा स्नेहमय की मौत के बाद पुलिस जब शिकायतकर्ता से जांच के सिलसिले में पूछताछ करने उसके घर पहुंची तो पुलिस को दिया गया पता नकली निकला. पुलिस को दिये गये पते में उस महिला का कोई सुराग नहीं मिल सका.
इसके बाद पुलिस खाली हाथ उस पते से लौटने के लिए बाध्य हुई. इस घटना पर मृतक के परिवार का आरोप है कि पहले तो थाने के पुलिस अधिकारी ने सिर्फ जनरल डायरी दर्ज करने के बाद ही पूछताछ के लिए स्नेहमय दे को थाने में बुला लिया, जबकि एफआइआर दर्ज करने के बाद पुलिस इस तरह की कार्रवाई आमतौर पर करती है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ.
जिस महिला ने छेड़खानी की शिकायत दर्ज करायी, पुलिस उसकी कोई जानकारी पीड़ित परिवार को नहीं दे पा रही है. इसके कारण उन्होंने सिंथी थाने में पुलिस की लापरवाही व झूठे आरोप मेें फंसाने की लिखित शिकायत दर्ज करायी है. वहीं इस मामले में कोलकाता पुलिस के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (5) विशाल गर्ग का कहना है कि इस मामले में थाने में कोई भी शिकायत दर्ज होती है तो पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी.