पानागढ़ (आसनसोल). बर्दवान जिले के आउसग्राम उच्च विद्यालय की जमीन पर पुलिस अधिकारी के स्तर से अवैध कब्जा कर दुकान निर्माण करने के विरोध में उत्तेजित सैकड़ों ग्रामीणों ने शनिवार को आउसग्राम थाने पर हमला कर दिया. गुस्साये ग्रामीणों ने थाना परिसर और कार्यालय में जमकर तोड़फोड़ की. वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की पिटायी भी की गयी. कई अहम दस्तावेजों व कागजातों को नष्ट कर दिया गया. हमलावरों ने बाइक समेत सात वाहनों को निशाना बनाया व थाना कार्यालय में आग लगा दी.
इस दौरान दो अवर निरीक्षक समेत सात पुलिसकर्मी घायल हो गये. स्थिति नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बलों तथा रैफ को उतारा गया. घायल पुलिसकर्मियों को गुसकड़ा अस्पताल में दाखिल कराया गया. सूचना मिलने के बाद वर्दवान रेंज के पुलिस महानिरीक्षक राजेश कुमार, जिलाशासक डॉ सौमित्र मोहन तथा जिला पुलिस अधीक्षक कुणाल अग्रवाल ने घटनास्थल का मुआयना किया. पुलिस ने उपद्रवियों की गिरफ्तारी के लिए अभियान शुरू किया है. संध्या आठ बजे तक मुख्य आरोपी चंचल गोराई सहित 17 ग्रामीणों को हिरासत में लिया गया है.
घटना के बाद सहमे आउसग्राम थाना के अवर निरीक्षक (एसआइ) दीपक पाल ने कहा कि करीब तीन हजार ग्रामीण लाठी, डंडा, रड, बड़े बड़े पत्थर लेकर थाना कार्यालय में जबरन घुस आये. डयूटी में तैनात पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट शुरू कर दी.
अवर निरीक्षक सजल मंडल समेत कुल सात पुलिसकर्मी घायल हो गये. थाना कार्यालय में तोड़फोड़ कर आग लगा दी गयी. पुलिस अधीक्षक कुणाल अग्रवाल ने बताया कि तीन पुलिस कर्मी गंभीर रूप से घायल हैं. थाने में आग लगायी गयी है. समस्त कागजात नष्ट कर दिये गये हैं. दो अवर निरीक्षक समेत सात पुलिस कर्मी घायल हुए हैं. अब तक 17 लोगों को हिरासत में लिया गया है.
जिलाशासक डॉ मोहन ने कहा कि घटना के बाद ग्रामीणों के प्रतिनिधियों के साथ शांति बैठक की गयी है. इसके मूल में रहे कारणों की जांच की गयी है. उन्होंने कहा कि अराजकता को बरदाश्त नहीं किया जायेगा. निर्दोष ग्रामीणों को परेशान नहीं किया जायेगा. लेकिन उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इस पर भी चर्चा की गयी. स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है. पुलिस सतर्कता बरत रही है.
तृणमूल नेता अनुब्रत मंडल ने कहा कि सामान्य घटना को लेकर थाना कार्यालय तथा सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचायी गयी है. उन्होंने कहा कि घटना के पीछे माकपा कार्यकर्ताओं का हाथ है. हालांकि माकपा के जिला सचिव अचिंत मल्लिक ने घटना के पीछे सीपीएम के हाथ होने से इनकार किया है. उन्होंने साफ कहा कि तृणमूल की गुटबाजी के कारण ही यह हमला हुआ है. उनके पंचायत सदस्य ने शुक्रवार को ही समस्या मिटा दी थी. शनिवार को तृणमूल समर्थित स्कूल प्रबंधन कमेटी के नेताओं ने ही दल-बल के साथ थाने पर हमला किया.
गौरतलब है कि शुक्रवार को भी इस मुद्दे पर ग्रामीणों और पुलिसकर्मियों के बीच संघर्ष हुआ था. इसमें ग्रामीण व पुलिसकर्मी घायल हो गये थे. विरोध में ग्रामीणों ने भारी पथराव किया था. स्थिति नियंत्रण करने के लिए रैफ को उतारना पड़ा था. पुलिसकर्मियों ने लाठीचार्ज कर ग्रामीणों को खदेड़ा था. इसके विरोध में ग्रामीणों ने गुसकरा-मोरग्राम सड़क जाम कर दिया था. ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस शुरू से ही जमीन पर अवैध कब्जा करनेवालों का समर्थन कर रही है. इस घटना में भी पुलिस जांच के नाम पर ग्रामीणों के घरों में तांडव मचा रही है. निर्दोष ग्रामीणों को गिरफ्तार किया जा रहा है. आतंक से गांव के युवक घर छोड़ कर भागने लगे हैं. घरों में सिर्फ महिलाएं ही बची हैं. गांव की गलियों में सन्नाटा पसरा है तथा सिर्फ पुलिस कर्मियों की गश्ती की आवाज गूंज रही है.
सीएम ने दिया जांच का निर्देश
कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने थाने पर हमले की घटना की जांच का निर्देश दिया है. राज्य सचिवालय नवान्न भवन में एक उच्चस्तरीय बैठक में स्थिति का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा : मैंने पुलिस व स्थानीय प्रशासन को उन लोगों का पता लगाने का निर्देश दिया है, जो आउसग्राम थाने पर हमले की घटना के पीछे हैं. संभावित हमलावारों के बारे में पूछे जाने पर सुश्री बनर्जी ने कहा कि इस घटना के पीछे कौन थे, आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिए. स्थानीय पुलिस व प्रशासन को स्थिति के साथ दृढ़ता से निपटने की हिदायत दी गयी है. जानकारी के अनुसार राज्य सचिवालय ने पुलिस व प्रशासन को यह स्पष्ट संदेश भी दिया है कि स्थानीय समस्याआें को स्थानीय स्तर पर ही निपटाने का प्रयास किया जाये. बैठक में गृह सचिव मलय दे, डीजीपी सुरजीत कर पुरकायस्थ एवं एडीजी (कानून व व्यवस्था) अनुज शर्मा भी मौजूद थे.