कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तेलंगाना बिल को असंवैधानिक व लोकतंत्र के खिलाफ बताया है. अपने फेसबुक पेज पर सुश्री बनर्जी ने लिखा है : लोकसभा में तेलंगाना बिल को तथाकथित रूप से पास करके नया राज्य बनाना असंवैधानिक, लोकतंत्र के खिलाफ, अनैतिक व गैरकानूनी है.
वह पहले से कहती आ रही हैं. जब विपक्ष ने राज्य के विभाजन की बात कही थी और संशोधनों का प्रस्ताव दिया था, तो उन्हें नहीं माना गया. इतना महत्वपूर्ण बिल बंद दरवाजे के पीछे, टीवी पर सीधा प्रसारण रोक कर और लोकतंत्र की भावना को आहत करते हुए पास किया गया. यह अवैध ‘तथाकथित’ पास बिल फिर राज्यसभा में पास कराया गया. तृणमूल ने इसका विरोध किया कि कैसे लोकसभा में अवैध तरीके से पास किया गया बिल राज्यसभा में लाया जा सकता है.
उधर, तृणमूल के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा है कि सीमांध्र को आर्थिक पैकेज देना तो दूर की बात है यह तेलंगाना बिल ही असंवैधानिक व गैरकानूनी है.
बंगाल को निगरानी के साथ मिले पैकेज : भाजपा
इस संबंध में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने कहा कि बंगाल के साथ भी भेदभाव नहीं होना चाहिए. यह पिछड़ गया है. लिहाजा उसे भी केंद्र द्वारा आर्थिक पैकेज मिले. लेकिन आर्थिक पैकेज के साथ निगरानी की भी आवश्यकता है. इसकी वजह है कि राज्य सरकार उस पैसों का दुरुपयोग न करे.
वोट बैंक की खातिर पैसों को इमाम भत्ते या अन्य ऐसे किसी कार्य में वह न लगा सके.
सीमांध्र मामले पर केंद्र को जल्दबाजी दिखाने की जरूरत नहीं थी. हां, जरूरतमंद राज्यों को आर्थिक पैकेज मिलना चाहिए.
सीताराम येचुरी, माकपा नेता
बंगाल को विशेष आर्थिक पैकेज देने की मांग पहले भी की जा चुकी है. हम राज्य के बंटवारे के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल के विकास के पक्षधर जरूर हैं.
मोहम्मद सलीम, माकपा नेता
बंगाल में जब वाम मोरचा की सरकार थी, तब भी राज्य के विकास के लिए विशेष आर्थिक पैकेज देने की मांग की गयी थी और मांग अब भी जारी है. राजनीतिक फायदे के इरादे से किसी राज्य को आर्थिक पैकेज देने के पार्टी पक्ष में नहीं है.
डॉ वरुण मुखर्जी, फॉरवर्ड ब्लॉक नेता