कोलकाता: केंद्र सरकार अब राज्य सरकार का हक छीनने पर तुली हुई है. राज्य सरकार को केंद्र द्वारा नियमों के अनुसार जो राशि मिलनी चाहिए, वह नहीं दी जा रही है.
पिछले दिनों केंद्रीय वित्त आयोग ने राज्य सरकार के साथ बातचीत में यहां से वसूले गये कुल टैक्स में से करीब 32.5 फीसदी वापस करने का वादा किया था. लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि वित्त आयोग अपने इस वादे को नहीं निभा रहा है. राज्य सरकार को मात्र 7.3 फीसदी राशि ही वापस की जा रही है. ऐसा ही आरोप राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्र ने केंद्र सरकार पर लगाया है.
केंद्र नहीं दे रहा जवाब
वित्त मंत्री ने कहा कि जनवरी में नियम के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा राज्य को करीब 1804 करोड़ रुपये मिलने चाहिए, लेकिन केंद्र सरकार ने मात्र 1379 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. बाकी 425 करोड़ रुपये क्यों काट लिये गये, इसका भी जवाब केंद्र सरकार ने नहीं दिया है. साथ ही गुड्स टैक्स के रूप में राज्य सरकार केंद्र से 800 करोड़ रुपये पाती है, लेकिन अब तक केंद्र ने मात्र 200 करोड़ रुपये ही दिये हैं. बची राशि के बारे में पूछने पर कोई जवाब ही नहीं दिया जा रहा है.
प्रभावित होगा बजट
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर वाम मोरचा शासनकाल से ही करीब दो लाख करोड़ रुपये का कर्ज था, जिसके ब्याज व मूल धन के रूप में केंद्र सरकार प्रत्येक वर्ष 28 हजार करोड़ रुपये काट लेती है. ऐसे में अगर राज्य को उसके हक के अनुसार राशि नहीं मिलती है, तो राज्य का बजट बनाने में भी काफी समस्या हो सकती है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में उन्होंने केंद्रीय वित्त पी चिदंबरम को भी कई बार पत्र लिखा है, लेकिन उसका कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है.