कोलकाता: भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र के विकासव बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए अब भारतीय मूल के उन पेशेवर डॉक्टरों ने हाथ बढ़ाया है, जो वर्षो से विदेशी धरती पर अपनी सेवा प्रदान कर रहे हैं. भारतीय स्वास्थ्य क्षेत्र के विकास के इस काम में डॉक्टरों, केंद्र व राज्य सरकार को एक साथ जोड़ने के लिए ग्लोबल एसोसिएशन ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडियन ओरिजिन (जीएपीआइओ) ने स्वास्थ्यइंडिया डॉट कॉम नामक एक वेब पोर्टल शुरू किया है.
महानगर में आयोजित ग्लोबल एसोसिएशन ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडियन ओरिजिन (जीएपीआइओ) के चौथे वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेने आये जीएपीआइओ के सदस्य व ब्रिटिश एसोसिएशन ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडियन ओरिजिन के अध्यक्ष डॉ रमेश मेहता ने बताया कि रिटायरमेंट के करीब पहुंच चुके इंगलैंड के 10 हजार डॉक्टर वापस भारत आना चाहते हैं. उनके आने का मकसद सामाजिक विकास के क्षेत्र में सहायता करना है. डॉ मेहता के अनुसार, भारतीय मूल के ये डॉक्टर विशेष रूप से भारत के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य परिसेवा के विकास में हाथ बंटाना चाहते हैं.
ग्लोबल एसोसिएशन ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडियन ओरिजिन (जीएपीआइओ) के गठन के पीछे मुख्य भूमिका अपोलो अस्पताल ग्रुप के चेयरमैन डॉ प्रताप सी रेड्डी की है. डॉ रेड्डी ने बताया कि इस बार सम्मेलन का थीम गैर संक्रामक रोगों की महामारी और उनकी चुनौती है. डॉ रेड्डी ने कहा कि सम्मेलन में उन उपायों पर चर्चा की गयी, जिनके द्वारा भारत व विदेशों में काम कर रहे भारतीय डॉक्टर सारी दुनिया तक बेहतर स्वास्थ्य परिसेवा प्रदान कर सकें. इसके साथ ही अपोलो अस्पताल ग्रुप 2015-18 के दौरान 2500 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बना रहा है.
डॉ रेड्डी ने बताया कि हमारी योजना वर्ष 2015-18 के दौरान अतिरिक्त 2000 बेड तैयार करना है, जिस पर 2500 करोड़ की लागत आयेगी. उन्होंने बताया कि अब तक हम लोग 1500 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं.