कोलकाता: राज्य सचिवालय नवान्न भवन में गुरुवार को दोपहर पुलिस ने पत्रकारों के साथ मारपीट की. इसमें एक पत्रकार का सिर फट गया. एक अन्य पत्रकार भी घायल हो गया. नवान्न भवन में गुरुवार को प्रशासनिक कैलेंडर के लांचिंग कार्यक्रम के बाद वहां फोटो सेशन होना था. वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने कुछ छाया पत्रकारों को अंदर जाने की अनुमति दे दी, लेकिन कुछ पत्रकारों को वहां प्रवेश नहीं करने दिया गया.
इसके बाद ही अन्य फोटोग्राफरों ने विरोध शुरू कर दिया. इसे लेकर वहां तैनात हावड़ा पुलिस कमिश्नरेट के उपायुक्त तन्मय राय व पत्रकारों के बीच हाथापाई शुरू हो गयी. कई पत्रकारों पर हमला भी किया गया, जिससे एक पत्रकार का सिर फट गया. घटना के समय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व राज्यपाल एमके नारायणन भी वहां उपस्थित थे. पत्रकारों ने इस घटना की जानकारी राज्यपाल को दी. राज्यपाल ने मुख्य सचिव संजय मित्र व कोलकाता पुलिस आयुक्त सुरजीत कर पुरकायस्थ को मामले की जांच करने का निर्देश दिया.
इसके बाद मुख्यमंत्री ने मामले की जानकारी लेने के लिए हावड़ा पुलिस आयुक्त अजय रानाडे को तलब किया और उनसे पूरे मामले में रिपोर्ट मांगी. मुख्यमंत्री ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए आयुक्त को रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.
प्रेस क्लब ने की हमले की निंदा
कोलकाता प्रेस क्लब के सचिव अनिंद्य सेनगुप्ता ने पत्रकारों पर पुलिस के हमले की निंदा की है. उन्होंने कहा कि पत्रकार अपना काम करने के लिए रोजाना ही नवान्न पहुंचते हैं. उन्हें उनके काम से रोकने का अधिकार सरकार को नहीं है. उन्हें मारना या धमकाना बिल्कुल गलत है. उधर, वाम मोरचा के चेयरमैन विमान बसु ने कहा कि यह काफी शर्मनाक घटना है.
पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में पत्रकारों से धक्का-मुक्की की गयी. उन्होंने मौजूदा तृणमूल सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य में लोकतंत्र खतरे में है. यही वजह है कि विरोधी दलों को दबाया जा रहा है. मध्यमग्राम दुष्कर्म कांड जैसे आपराधिक मामले हो रहे हैं. अपराधियों को बढ़ावा मिल रहा है. उन्होंने सरकार के रवैये और ऐसी घटनाओं के खिलाफ वामपंथी आंदोलन के जारी रहने का आह्वान किया है.