कोलकाता: सरकारी विभागों के लिए प्रशासनिक कैलेंडर बनाना, यह साबित करता है कि यहां की सरकार राज्य के विकास को लेकर कितना चिंतित है. देश में पहली बार किसी सरकार ने अपने विभागों के कार्यो की समीक्षा व स्टेटस रिपोर्ट की जानकारी प्राप्त करने के लिए ऐसी पहल शुरू की है. यह वाकई में काबिले तारीफ है. ये बातें गुरुवार को राज्यपाल एमके नारायणन ने नवान्न भवन में राज्य सरकार के प्रशासनिक कैलेंडर को लांच करते हुए कहीं.
उन्होंने कहा कि वह करीब 60 वर्ष से केंद्र व विभिन्न राज्य सरकार के कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत रहे हैं, लेकिन इस प्रकार की पहल उन्होंने कभी नहीं देखी. प्रशासनिक कैलेंडर लांच होने से सरकारी विभागों के कार्यो में पारदर्शिता आयेगी. साथ ही लोगों को भी सभी योजनाओं के बारे में हमेशा जानकारी मिलती रहेगी.
उन्होंने कहा कि विभागों से मिली रिपोर्ट को प्रत्येक महीने उक्त विभाग की वेबसाइट पर जारी किया जायेगा, जिससे लोगों योजना के संबंध में स्टेटस पता चल सके. प्रशासनिक कैलेंडर में सभी विभागों की हर योजना के शुरू करने व उसे खत्म करने की तारीख लिखी रहेगी. साथ ही इस कैलेंडर को योजना पर किये गये कार्य के अनुसार समय-समय पर भरना होगा, ताकि लोगों को यह पता चल सके कि योजना पर कितना काम हुआ है और कितना बाकी है और इसे पूरा करने में और कितना समय लगेगा.
इस मौके पर राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्र, पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री सुब्रत मुखर्जी, परिषदीय मंत्री पार्थ चटर्जी सहित अन्य मंत्रीगण के साथ-साथ सभी विभागों के सचिव व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे.
राज्यपाल ने किया राज्य सचिवालय का दौरा
राज्य के इतिहास में पहली बार ऐसा मौका था, जब किसी राज्यपाल ने राज्य सचिवालय का दौरा किया हो. गुरुवार राज्यपाल एमके नारायणन राज्य सरकार के प्रशासनिक कैलेंडर को लांच करने के लिए नवान्न पहुंचे. हालांकि कार्यक्रम का आयोजन नवान्न भवन के बाहर बस स्टैंड के पास किया गया था. उदघाटन समारोह में हिस्सा लेने के बाद राज्यपाल एमके नारायणन नवान्न भवन गये और वहां के विभिन्न विभागों का दौरा किया. राज्यपाल ने अपने भाषण में भी इसका उल्लेख करते हुए कहा कि बंगाल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, कोई गवर्नर यहां के राज्य सचिवालय का दौरा किया हो. गौरतलब है कि आजादी के पहले भी ब्रिटिश राज में भी कोई गवर्नर राज्य सचिवालय नहीं गया था.