कोलकाता : पाकिस्तान के उच्चायुक्त सलमान बशीर ने आज कहा कि भारत-पाक संबंध के कुछ विषयों पर दोबारा गौर करने की जरुरत है क्योंकि बयानों में बेहतर संबंधों की गंभीर इच्छा जतायी गई है लेकिन कई बार जमीनी हकीकत इससे उलट दिखती है.
पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने कहा, यह जरुरी है कि हम भारत-पाक संबंधों के कुछ विषयों पर खुले मन से दोबारा गौर करें. उन्होंने कहा, मैं इस बात को स्वीकार करता हूं कि हम अपने बयानों में काफी गंभीर एवं व्यापक ढंग से संबंधों को बेहतर बनाने की बात करते हैं लेकिन कई बार जमीनी हकीकत इससे उलट होती है. और इसी समय मीडिया की बात सामने आती है क्योंकि यह स्थिति में बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
अच्छे संबंध दोनों देशों के साझे हित में होने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, हमारे पास अपराध, आतंकवाद जैसे विषयों पर चिंताओं से निपटने के लिए तंत्र है. इसलिए अगर हम इस तंत्र को काम करने की अनुमति देंगे, तब स्थिति बेहतर होगी. बशीर बीएसएफ और पाकिस्तानी रेंजरों के बीच डीजी और डीजीएमओ स्तर की बातचीत का जिक्र कर रहे थे.
उन्होंने कहा, दो संयुक्त बयान में रचनात्मक और आगे की ओर बढ़ने वाले विषयों का उल्लेख किया गया है. इसलिए जब आप संबंधित लोगों को सम्पर्क करने और काम करने देंगे, तब तस्वीर अलग होगी. मैं समझता हूं कि समय आ गया है तब हमें एक दूसरे को अलग आइने से देखना चाहिए.
पाकिस्तान के निवर्तमान उच्चायुक्त ने कहा कि समय दोस्ताना और सहयोगात्मक संबंधों की जरुरत को समझने और आगे की ओर बढ़ने की है. भारत पाक संबंधों में बाधओं पर बशीर ने कहा कि दोनों देशों को विभिन्न मुद्दों पर आगे बढ़ते हुए मतभेदों को कम करने की जरुरत है. विभिन्न मुद्दों को शांतिपूर्ण ढंग से समाधान निकाले जाने की जरुरत है और भविष्य को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ने की जरुरत है. पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों में एक अहम बाधा भारत में लोगों में पाकिस्तान के बारे में धारणा है.
उन्होंने कहा, सबसे बड़ी बाधा यहां लोगों में बनी धारणा है. हमारे देश में हम इस पर काम कर रहे हैं. आपको पाकिस्तान में भारत के बारे में शायद ही कोई नकारात्मक करवेज मिलेगा. उन्होंने कहा, धारणा बदलने में मीडिया की भूमिका अहम है. हम संजीदगी से मानते हैं कि हम आर्थिक रुप से विकास करना चाहते हैं, हम मित्रतापूर्ण और स्थिर पड़ोसी चाहते हैं. उन्होंने कहा कि दोनों देशों में लोगों के बीच सम्पर्क से संबंधों को बेहतर बनाने में मिलेगी.
बांग्लादेश में 1971 के युद्ध अपराध में जमात नेता अब्दुल कादीर मुल्ला को फांसी दिये जाने की पाक संसद में निंदा प्रस्ताव पारित करने के बारे में पूछे जाने पर बशीर ने कहा, संसद सार्वभौम निकाय है. आप जानते हैं कि मेरे या किसी के लिए भारत में भारतीय राजनीतिक प्रक्रिया या किसी देश की स्थिति के बारे में बोलना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत में सत्ता परिवर्तन द्विपक्षीय संबंधों के मार्ग में आड़े नहीं आयेगा.
पाकिस्तान के निवर्तमान उच्चायुक्त ने कहा, मैं नहीं समझता कि सत्ता परिवर्तन से वास्तव में कोई प्रभाव पड़ता है. राष्ट्रों के बीच संबंधों देशों से जुड़े होते हैं. ये व्यक्ति या विशिष्ट पार्टी पर आधारित नहीं होते हैं. पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने कहा, यह पाकिस्तान की स्थापित नीति है कि वह भारत के साथ दोस्ताना एवं सहयोगपूर्ण संबंध रखेगा. बशीर से पूछा गया था कि क्या कुछ महीने बाद होने वाले चुनाव के बाद भारत में सरकार में संभावित बदलाव के बारे पाकिस्तान में कुछ आशंकाएं हैं.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, आपका प्रश्न परस्पर आदान प्रदान के संबंध में प्रसंगिक है और मेरे विचार से भारत में लोग पाकिस्तान के साथ बेहतर संबंध को इच्छुक है. यह मेरा विचार है. भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के बारे में पूछे जाने पर बशीर ने कहा, हम प्रत्येक राजनीतिक पार्टी के प्रत्येक नेता का सम्मान करते हैं. आपने जो कहा, वह आपका आंतरिक मामला है.
उन्होंने कहा, हमारा इनके बारे में कोई विचार नहीं है. लेकिन प्रत्येक पार्टी के प्रत्येक नेता भारत की जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं. इसलिए हम भारत के लोगों तक पहुंचना चाहते हैं और लोकतंत्र में जो भी होता है वह अच्छा ही होता है. हम इसमें विश्वास रखते हैं.
मोदी पर सीधी टिप्पणी करने से बचते हुए बशीर ने कहा, मैं समझता हूं कि मेरे लिए किसी व्यक्ति विशेष या नेता पर राजनीतिक प्रक्रिया में टिप्पणी करना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पश्चिम बंगाल के साथ संबंध बनाने को इच्छुक है और राज्य के लोगों से जुड़ना चाहता है.